तुम्हे मालूम है कि देश से अगर
एक भला और ईमानदार इंसान चला जाए तो क्या होगा ?
एक भला और ईमानदार इंसान चला जाए तो क्या होगा ?
जी सर , एक सौ पच्चीस करोड़ लोगो का भला हो जाएगा !!!
...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
निमंत्रण पर अवश्य आओगे, दिल ने कहीं पाला ये ख्वाब था, वंशानुगत न आए तो क्या हुआ, चिर-परिचितों का सैलाब था। है निन्यानबे के फेर मे चेतना, कि...
बहुत शानदार....
ReplyDeletesahi kaha sirji...
ReplyDeleteपर वह भला और समझदार है कौन?
ReplyDeleteसादर वन्दे !
ReplyDeleteप्राब्लम ये है की दोनों नहीं हो रहा है, ना भला आदमी जा रहा है ना सबका भला हो रहा है, भगवान करे की सबका भला हो |
रत्नेश त्रिपाठी
हा हा!! सटीक!
ReplyDeleteभला और ईमानदार इंसान?? बेचारा लाचार है, ओर देश का सत्यानाश हो रहा है... जी नही ऎसा भला और ईमानदार इंसान हमे नही चाहिये वरना देश का भट्टा बेठ जायेगा
ReplyDeleteकब जा रहा है ये भला और समझदार आदमी ?
ReplyDeleteवैसे कोई सच में है जो जाने वालो में आएगा.......?मतलब.......
ReplyDeleteकुंवर जी,
यह हुई ना काम की बात!
ReplyDeleteबहुत बढ़िया
ReplyDeleteज्ञानदत्त पांडे ने लडावो और राज करो के तहत कल बहुत ही घिनौनी हरकत की है. आप इस घिनौनी और ओछी हरकत का पुरजोर विरोध करें. हमारी पोस्ट "ज्ञानदत्त पांडे की घिनौनी और ओछी हरकत भाग - 2" पर आपके सहयोग की अपेक्षा है.
ReplyDeleteकृपया आशीर्वाद प्रदान कर मातृभाषा हिंदी के दुश्मनों को बेनकाब करने में सहयोग करें. एक तीन लाईन के वाक्य मे तीन अंगरेजी के शब्द जबरन घुसडने वाले हिंदी द्रोही है. इस विषय पर बिगुल पर "ज्ञानदत्त और संजयदत्त" का यह आलेख अवश्य पढें.
-ढपोरशंख
हा हा!! बहुत शानदार....
ReplyDeleteबहुत मोह लिया जी इस भले और ईमानदार इन्सान ने
ReplyDeleteअब इनके जाना से ही देश का भला है।
प्रणाम
क्या कहा? एक सौ पच्चीस करोड लोगों का भला हो जायेगा? अजी वो किस देश में जायेगा? किस देश की जनसंख्या एक सौ पच्चीस करोड है? ओहो शायद चीन की।
ReplyDeleteलेकिन आपको कैसे पता कि वो चीन ही जायेगा?