Wednesday, March 30, 2011

जहां भगवान् ही अपना शतक न बना पा रहा हो...!

जहां तक मैं समझता हूँ, भारत और पाकिस्तान का शायद ही कोई ऐसा क्रिकेटप्रेमी होगा जो यह न जानता हो कि खेल खेल होता है, और दो टीमे जब आपस मे खेलेंगी तो अवश्य ही एक जीतेगी और एक हारेगी ! अधिक से अधिक यही हो सकता है कि मैच दोनों टीमों के बीच बराबरी पर छूटे (टाई रहे) ! और शायद बहुत से लोग मेरी इस बात से भी इत्तेफाक रखते हो कि किसी भी खेल में इससे अधिक की उम्मीद रखना शायद मूर्खता ही कहलायेगी ! लेकिन यह भी एक बिडम्बना ही है कि हम लोग कहाँ इतने में ही संतुष्ट होने वाले ठहरे , अत: हमने ढूढ़ निकाली एक नई दवा " क्रिकेट डिप्लोमेसी" !


दोनों ही पक्षों, भारत और पाकिस्तान में से कोई भी यह मानने को राजी नहीं कि यह दोनों देशों की टीमों के बीच सिर्फ एक एक दिवसीय खेल है और उनकी टीम इस खेल में सिर्फ और सिर्फ अच्छा खेले, बल्कि वे चाहते है कि बस उनकी ही टीम जीत हासिल करे ताकि वे दूसरे पक्ष को नीचा दिखा सकें ! जहाँ तक पाकिस्तान की टीम का सवाल है, मैं समझता हूँ कि अगर हम इस खेल को केवल खेल के ही दायरे में देखने की कोशिश करें, और हाल के वर्षों में उनके खिलाड़ियों के कारनामों की वजह से उनकी परफोर्मेंस का आंकलन करे, तो हम पायेंगे कि अगर पाकिस्तान की टीम मोहाली में इस मैच को हार भी जाती है, तो वह भले ही फाइनल में खेलने का अवसर चूक जायेगे, मगर जहां तक तथाकथित डिप्लोमेसी का सवाल है, वे ख़ास ज्यादा कुछ नहीं गवां रहे है ! अगर ऐसा न होता तो ऐन वक्त पर क्या वहां के एक मंत्री अपने खिलाड़ियों को मैच फिक्सिंग के प्रति इस तरह आगाह करते ? मगर जहां तक भारत की क्रिकेट टीम का सवाल है, शायद हमने अपनी अपेक्षाओं को बहुत ज्यादा पसार दिया, नतीजतन निश्चित तौर पर हमारी टीम दबाव में आ गई ! जिसके लिए बहुत कुछ हमारा मीडिया भी जिम्मेदार है!


मैंने पहले भी कई बार ब्लॉग पर लिखा है, और आज फिर से लिख रहा हूँ कि सचिन नि: संदेह दुनिया के एक श्रेष्ठतम क्रिकेट खिलाड़ी है, और जिसका उचित प्रतिफल उन्हें समय समय पर मिला भी ! लेकिन मेरे सज्जन देशवासियों , वह भगवान् नहीं है ! अगर भगवान् होता तो उसे इस तरह सेंचुरी ( शतक ) बनाने के लिए भला पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के कप्तानो के वो दृढ कटु- बाण क्यों सहने पड़ते कि सचिन शतक नहीं बना सकेंगे ! और वे अपने इस दावे में कामयाव भी हुए ! जैसा आप सब जानते है कि सचिन एक अच्छे खिलाड़ी है, और उन्होंने कई कीर्तिमान अपने नाम किये है, मगर, हमें यह भी समझना होगा कि यदि आप १२० करोड़ के देश में अन्य प्रतिभावान खिलाड़ियों का दरकिनार कर किसी एक खिलाड़ी को ही २१ सालों तक खिलाते रहोगे, तो भले मानुषो, वह कुछ न कुछ तो कीर्तिमान बनाएगा ही ! और अफ़सोस कि आज क्रिकेट एक भ्रष्ठ्तम देश ( एशिया का चौथा भरष्ट देश ) के अनेक महाभ्रष्ट लोगो का एक धर्म बनकर रह गया है ! दिखाने के लिए हम देश-भक्ति का जो नाटक रचते है उसका गवाह मोहाली है, कि एक तरफ तो हम अपने घोटालों को अनदेखा कर देते है और दूसरी तरफ क्रिकेट के मैच को देश की प्रतिष्ठा का सवाल बनाकर, सब कुछ छोड़ छाड़कर देश-भक्ति दिखाने पहुँच जाते है ! हम यह भूल जाते है कि ये हमारे खिलाड़ी तो बौल-बल्ला घुमाने की ऐवज में अरबों में खेलकर हर लुफ्त उठाते है, मगर एक हमारा २१ साल का नौजवान लेफ्टिनेंट सौरभ कालिया भी था, जिसने यह सुनिश्चित करने के लिए कि हमारे भरष्ट देशवासी निर्भय होकर घोटाले कर सके, और मैच का बेफिक्र होकर लुफ्त उठा सकें, उसने भरी जवानी में अपनी कुर्बानी दे दी, बिना कुछ पाए !


एक खबर पर पर नजर गई थी कि मोहाली के इस मैच में विज्ञापन का खर्चा प्रति दस सेकेण्ड १८ लाख रूपये है ! आपने कभी सोचा कि जो वस्तु उत्पादन के बाद, उपभोक्ता को महज १५ रूपये में उपलब्ध हो सकती है, वह ६० रुपये में क्यों मिलती है ? सिर्फ इसलिए कि व्यापारी/ व्यवसायी उसकी लागत में इसतरह के विज्ञापनों का खर्च भी जोड़ता है ! दूसरी तरफ आज पूरा देश ठप्प सा हो गया, इसकी कीमत किसे चुकानी पड़ेगी ? खैर, हम लोग इस इकोनोमिक्स को नहीं समझ पायेंगे ! अंत में ( इस मोहाली के मैच के परिणाम से पहले) बस इतना कहूंगा कि मैं भी आप ही की तरह एक भारतीय होने के नाते तहेदिल से यह उम्मीद लगाए बैठा हूँ कि हमारी टीम यह मैच जीते ! अब भले परिणाम जो भी हो, लेकिन मैं इतना दावे के साथ कह सकता हूँ कि जहां तक क्रिकेट डिप्लोमेसी का सवाल है, पाकिस्तान इस मैच को पहले ही जीत चुका है ! वैसे तो हम लोग विश्वशक्ति बनने का दावा करते फिरते है, मगर यह भी एक कडवी सच्चाई है कि आज भी हम भारतवासी, पाकिस्तान को ही अपना असली प्रतिद्वंदी मानते है ! और आज यह मैसेज दुनियाभर में भी खुलकर गया है ! जो पाकिस्तान के लिए तो निश्चिततौर पर गर्व की बात है मगर पता नहीं हम लोग कब सुधरेंगे ??????????India shuts down for India-Pakistan showdown Work across India and Pakistan will come to a grinding halt on Wednesday as bureaucrats, factory workers, farmers and millions of other cricket fans gather to watch the World Cup semi-final।Last minute ad rates for Mohali semifinal quoted at over $40,000 for 10 seconds.


और अभी -अभी :सभी देशवासियों को और अपनी क्रिकेट टीम को बधाई देता हूँ कि हम "सेमीफाइनल मैच" जीत गए!

7 comments:

  1. एकदम उचित. क्रिकेट के शोर में भ्रष्टाचार की बातें, गरीबी, भूख, बेरोजगारी की सब बातें एक किनारे लग गयीं..

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  2. खेल खेल की भावना से ही देखना और खेलना चाहिए ...पर हर भारतवासी की यह इच्छा होना तो लाज़मी है की हमारे देश की टीम जीते ..लेकिन आज के मैच का माहौल नेताओं और मीडिया ने अलग स ही बना दिया था ... खैर जीतने की खुशी है और सबको बधाई

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  3. सुना है कि कल के मैच का एक हजार का टिकट एक लाख तक में बिका है। धन्य हैं वो लोग..।
    और हमसे हमारे एक परिचित इसलिये नाराज हो गये हैं कि नौ टिकट चाहे थे और हम सिर्फ़ दो का ही इंतजाम करवा सके।

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  4. खेल खेल की भावना से ही देखना और खेलना चाहिए
    .जीतने की सबको बधाई

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  5. हुरररररररररे!!!!!! हम जीत गए!!!!!!!!!

    बहुत-बहुत मुबारक हो!!! सबको मुबारक हो!!! पाकिस्तान को भी मुबारक हो!!! हू हू हू हू :-) :-) :-) :-) :-)

    धूम-धूम धडाम-धडाम धम्म-धम्म टूंश, फूंश, भड-भड-भड-भड... धिनशा-धिनशा.... फटाक-फटाक... धडाम-धडाम... ठाँ-ठाँ-ठाँ-ठाँ

    (यह वोह बम्ब-पठाखे हैं जो रात जलाएं हैं... इस टिपण्णी बॉक्स में विडिओ आ ही नहीं पा रही है इसलिए टिपण्णी स्टाईल पठाखे ही सही... अब टिप्पणीकार जो ठहरे)

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  6. प्रेम भावना से खेलें.... आखिर प्रेम भी एक खेल ही है ना :)

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सहज-अनुभूति!

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