tag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post1304301815299481226..comments2024-03-14T14:34:56.362+05:30Comments on 'परचेत' : क्या ख़ाक गंभीर लेखन-चिंतन करे ?पी.सी.गोदियाल "परचेत"http://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comBlogger30125tag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-46434162652871375062010-01-13T20:47:19.753+05:302010-01-13T20:47:19.753+05:30बहुत सटीक लिखा है जी।
लोहिड़ी पर्व और मकर संक्रांत...बहुत सटीक लिखा है जी।<br />लोहिड़ी पर्व और मकर संक्रांति की <br />हार्दिक शुभकामनाएँ!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-54501114894999735032010-01-13T19:55:48.648+05:302010-01-13T19:55:48.648+05:30बड़ा बुरा हाल है।
आपने बिल्कुल सच बयान किया।बड़ा बुरा हाल है।<br />आपने बिल्कुल सच बयान किया।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-75461506634970314452010-01-13T17:40:18.927+05:302010-01-13T17:40:18.927+05:30हमारा यही दुर्भाग्य है कि हम आम आदमी है, खास आदमी...हमारा यही दुर्भाग्य है कि हम आम आदमी है, खास आदमी को तो ना भाव का पता है और ना ही जनता के ताव का। वे तो ना दाल खाते हैं और ना ही शक्कर। उनके पास तो खाने के लिए सोना है, रूपया है और ना जाने क्या क्या है।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-41448394977197588002010-01-13T17:07:52.136+05:302010-01-13T17:07:52.136+05:30बात तो सच है .....पर करें क्या ? देश तो ४० साल समा...बात तो सच है .....पर करें क्या ? देश तो ४० साल समाजवाद और गरीबी हटाओ के २० साल ' विश्व वाद ' के घुन्घुने से बहलाया जा रहा है ..........................और बहल भी रहा है पुनि पुनि .<br /><br />अमेरिकी एक कहावत कहते हैं .अगर तुमने मुझे बेवकूफ बना कर धोखा दिया तो तुम्हें शर्म आनी चाहिए ...............और दूसरी बार फिर धोखा दे सके तो मुझे अपनी अक्ल पर शर्म आनी चाहिए ......तो पुश्तों द्वारा ,पुश्तों से , पुश्तों तक बनाना और बनते जाना अब तो भारतीय परंपरा हो गया है ....RAJ SINHhttps://www.blogger.com/profile/01159692936125427653noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-41986064965348189812010-01-13T14:14:04.335+05:302010-01-13T14:14:04.335+05:30very nice!very nice!Saleem Khanhttps://www.blogger.com/profile/17648419971993797862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-75320484610566237542010-01-13T13:19:47.765+05:302010-01-13T13:19:47.765+05:30bilkul sahi baat kahi aapne magar jawaab to wo hi ...bilkul sahi baat kahi aapne magar jawaab to wo hi hai zero........kisi kokoi fark nhi padta desh jaye bhad mein sirf apni jeb bharni chahiye bas dikhavti aansoo aur hamdardi hai in netaon ki baki inhone kuch nhi karna ab ki baar desh ko aise bechenge ki phir aazad nhi ho payega kyunki is baar to desh ki soch hi bech di jayegi to phir is kuntha se ahar kaise aur kaun nikalega..........aap aur hum kitna bhi dukhi ho lein ya kitna bhi likh lein magar inhein koi fark nhi padna kyunki inki khal ab pak chuki hai.vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-22019930436886496482010-01-13T12:48:25.191+05:302010-01-13T12:48:25.191+05:30हालात तो वाकई विस्फोटक हैं, पर आश्चर्य है कि फिरभी...हालात तो वाकई विस्फोटक हैं, पर आश्चर्य है कि फिरभी कहीं विस्फोट नहीं होता।<br />--------<br /><a href="http://za.samwaad.com/" rel="nofollow">अपना ब्लॉग सबसे बढ़िया, बाकी चूल्हे-भाड़ में।</a><br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">ब्लॉगिंग की ताकत को Science Reporter ने भी स्वीकारा।</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-56794578274082186092010-01-13T12:08:07.153+05:302010-01-13T12:08:07.153+05:30बहुत शुक्रिया मेरा हौसला बढ़ाने के लिये!बहुत शुक्रिया मेरा हौसला बढ़ाने के लिये!dipayanhttps://www.blogger.com/profile/07385176375960362837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-15614939284602309412010-01-13T11:46:48.217+05:302010-01-13T11:46:48.217+05:30जायज चिंता है , देश की दुर्दशा हो रही है लेकिन जिन...जायज चिंता है , देश की दुर्दशा हो रही है लेकिन जिन्हे कुछ कदम उठाना चाहिये वो खामोश हैं ।किसी शायर ने ठीक कहा है-<br /> हम को है उनसे वफा की उम्मीद<br /> जो नही जानते वफा क्या हैअजय कुमारhttps://www.blogger.com/profile/15547441026727356931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-68092421359758885932010-01-13T11:29:59.958+05:302010-01-13T11:29:59.958+05:30आपका भी जवाब नहीं है, ऐसे मुद्दे को ठेलते है जहाँ ...आपका भी जवाब नहीं है, ऐसे मुद्दे को ठेलते है जहाँ तक हम सोच ही नही पाते । बहुत खूबMithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-35851313986096544882010-01-13T11:12:22.930+05:302010-01-13T11:12:22.930+05:30सवाल वाजिब है ........ उत्तर नज़र नही आ रहा .........सवाल वाजिब है ........ उत्तर नज़र नही आ रहा .......... क्या कोई क्रांति आने वाली है .......... लगता तो नही ...... देश की जनता रबर से भी ज़्यादा लचीली होती जा रही है ..... जितना दबाओ दब्ती ही जा रही है ..... जाती, धर्म और ना जाने कितनी छोटी छोटी बातों में फँसे समाज को फ़ुर्सत ही किधर है ये सब समझने की ........दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-3769799057738995532010-01-13T09:31:40.619+05:302010-01-13T09:31:40.619+05:30बहुत सटीक और सामयिक मुद्दा उठाया है आपने. लेकिन एक...बहुत सटीक और सामयिक मुद्दा उठाया है आपने. लेकिन एक बात समझ लिजिये कि अब महंगाई का भूत किसी भी सरकार के बस का नही रहा. ये तो ग्लोबलाईजेशन के चक्कर मे चढ गये.<br /><br />ग्लोबलाईजेशन का फ़ायदा भारत मे चंद लोगों को मिला और बाकी सभी इसकी भेंट चढ गये.<br /><br />लगता है फ़िर कोई जेपी अवतार लेगा.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-42860128278001978372010-01-13T09:30:52.033+05:302010-01-13T09:30:52.033+05:30बहुत ही सही सवाल पर मंथन किया है आपने |बहुत ही सही सवाल पर मंथन किया है आपने |Gyan Darpanhttps://www.blogger.com/profile/01835516927366814316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-89229792069177988202010-01-13T09:28:59.708+05:302010-01-13T09:28:59.708+05:30गंभीर लेख!
यह शेर पसंद आया..स्थिति को साफ साफ बता...गंभीर लेख!<br />यह शेर पसंद आया..स्थिति को साफ साफ बताता हुआ-:<br />-इक दौर था जब उसकी ख्वाइशे हम, हर कीमत पे पूरी करते थे,<br />मगर आजकल तो वो भी, मुझसे ज्यादा खुदा से मांगने लगी है !Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-68357735411335014332010-01-13T09:25:46.371+05:302010-01-13T09:25:46.371+05:30देख तेरे इंसान की हालत क्या हो गई भगवान,
कितना बदल...देख तेरे इंसान की हालत क्या हो गई भगवान,<br />कितना बदल गया इंसान...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-83283871001762110222010-01-13T07:29:18.076+05:302010-01-13T07:29:18.076+05:30सही मुद्दा लेकर मंथन किया है...
पंछी फिर लेंगे पर...सही मुद्दा लेकर मंथन किया है...<br /><br />पंछी फिर लेंगे परो से हवाइयाँ गगन में,फिर उडेंगी पुरवाइयाँ वन में,<br />फूलों से लहलहाते फिर खेत होंगे, तमन्ना लेगी फिर अंगडाइयां मन में !<br /><br />ये ही सही है...आशा और विश्वास!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-41441585277018987842010-01-13T06:46:54.556+05:302010-01-13T06:46:54.556+05:30बहुत अच्छा पोस्ट। बहुत-बहुत धन्यवादबहुत अच्छा पोस्ट। बहुत-बहुत धन्यवादहास्यफुहारhttps://www.blogger.com/profile/14559166253764445534noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-70083464673345874212010-01-12T22:03:13.899+05:302010-01-12T22:03:13.899+05:30एक बहुत ही छोटा सा आंकड़ा सब कुछ दिखा रहा है.........एक बहुत ही छोटा सा आंकड़ा सब कुछ दिखा रहा है.................<br />बी एस एन एल की एक सिम ४ रुपये में और अरहर की दाल..??????<br />बी एस एन एल के टॉप अप पर फुल टाक वेल्यु और चीनी ?????<br />इस तरह के बहुत आंकड़े हैं जो सरकारी नियति को दिखाते हैं..........राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगरhttps://www.blogger.com/profile/16515288486352839137noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-54529783440013258572010-01-12T21:42:02.548+05:302010-01-12T21:42:02.548+05:30हर तरफ कुशासन, अराजकता, बेरोजगारी, महंगाई , भुखमरी...हर तरफ कुशासन, अराजकता, बेरोजगारी, महंगाई , भुखमरी, भ्रष्टाचार और ऊपर से घटती कृषी योग्य भूमि और तेजी से फैलता कंक्रीट के जंगलो का सैलाब !<br /><br />गोदियाल जी, हमने तो ढूंढ निकाला एक ओअसिस इस कंक्रीट जंगल में। <br />लेकिन ज़रुरत तो है सुधार की।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-10920846551223897302010-01-12T20:21:45.067+05:302010-01-12T20:21:45.067+05:30हालात जैसे दिखाई दे रहे है...वास्तव में स्थिति उसस...हालात जैसे दिखाई दे रहे है...वास्तव में स्थिति उससे कहीं अधिक शोचनीय है.. लेकिन इसे देश के निम्न एवं मध्यमवर्गियों का दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है कि सब कुछ जानते बूझते भी शासनतंत्र बिल्कुल उदासीन बैठा है ।Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-3135489049794137702010-01-12T19:42:57.980+05:302010-01-12T19:42:57.980+05:30बहुत सही मुद्दा उठाया है आपने .. आखिर जनता बेबस हो...बहुत सही मुद्दा उठाया है आपने .. आखिर जनता बेबस होकर ये सब कैसे देख रही है .. उसे अपनी शक्ति का अहसास कब होगा !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-44678160365586012682010-01-12T19:42:13.110+05:302010-01-12T19:42:13.110+05:30जानते हैं गोदियाल जी , किसी फ़िल्म में कोई डायलाग स...<i> <b> जानते हैं गोदियाल जी , किसी फ़िल्म में कोई डायलाग सुना था कि, लिखने से कब कोई क्रांति आई है जो अब आएगी , एक पल को लगा ठीक ही तो कहा है , मगर फ़िर दो ही रास्ते बचते हैं या तो चुपचाप तमाशा देखो , या घुस के सब बदल डालो कम से कम कोशिश तो करो ,मगर चुप रहने से तो बेहतर यही है कि कम से कम इसका विरोध लिख कर पढ कर तो कर ही सकते हैं , जाने कौन कब पढते लिखते इस कारवां में शामिल हो जाए , वैसे आपका क्षोभ तो अपनी जगह ठीक ही है </b> </i><br /><a href="http://www.google.com/profiles/ajaykumarjha1973#about" rel="nofollow"> अजय कुमार झा </a>अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-47302520490803464232010-01-12T19:32:42.501+05:302010-01-12T19:32:42.501+05:30मैं तो बस बनारसी अंदाज में बस यही कहूँगा -
काहे ह...मैं तो बस बनारसी अंदाज में बस यही कहूँगा -<br /><br />काहे हौवा हक्का-बक्का <br />छाना राजा भांग मुनक्का <br />भ्रस्टाचार में देश धँसल हौ<br />का दुक्की का चौका-छक्कादेवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-70711024976555134252010-01-12T19:31:38.101+05:302010-01-12T19:31:38.101+05:30Green Revolution का नारा फ्लॉप हो गया... सब ढकोसला...Green Revolution का नारा फ्लॉप हो गया... सब ढकोसला था.... पब्लिक के हाथ में झुनझुना पकडाया गया... ऐसा झुनझुना जो बजता नहीं था..... बेसिक अमेनिटिस अभी तक नहीं है... तो १०% का विकास लेकर क्या करेंगे...? बहुत उम्दा और सोचनीय पोस्ट....डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-83000158444609489062010-01-12T18:40:42.914+05:302010-01-12T18:40:42.914+05:30आप ने सही सवाल उठाया, ऎशो आराम की चीजे कोडियो के भ...आप ने सही सवाल उठाया, ऎशो आराम की चीजे कोडियो के भाव मिल रही है... ओर आम जरुरत की चीजे हद से भी महंगी, ओर सरकार कहती है हम क्या करे, अरे जब कुछ नही कर सकते तो अपना मुंह काला कर के भाग जाओ, हम खुद सम्भाल लेगे इस देश को अब भी तो भुखे मर रहे है, कारे चलायेगे कहां? कोई एक सडक भी ढंग की हो...<br />सच कहुं; तो इस देश को इन कमीने नेताओ के नाम की दीमक लग चुकी है, अगर इस दीमक को समय रहते दुर नही किया तो देश चरमरा जायेगा.<br />बहुत अच्छा लिखा आप ने<br />एक बात भारत मै खाने पीने की चीजे यूरोप से मंहगी है, ओर कमाई अफ़्रिका से भी कम पर व्यक्तिराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.com