tag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post4770634581779313819..comments2024-03-14T14:34:56.362+05:30Comments on 'परचेत' : एक चुटकी- लोकतंत्र की सैर !पी.सी.गोदियाल "परचेत"http://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-1449199983966598822012-11-02T07:57:33.230+05:302012-11-02T07:57:33.230+05:30बढ़िया तंज है परचेत साहब .आपको प्यार छुपाने की बुर...बढ़िया तंज है परचेत साहब .आपको प्यार छुपाने की बुरी आदत है ,और हमें प्यार जताने की बुरी आदत है ......आप अपनी वृत्ति में रहो केकड़े की तरह हम अपनी में रहते हैं .सपेरा बनके .आओ दामादों के मार्फ़त ही सही दोस्ती का नाता जोड़ें .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-89166068847702823602012-11-02T07:55:53.900+05:302012-11-02T07:55:53.900+05:30
बढ़िया तंज है परचेत साहब .आपको प्यार छुपाने की बु...<br />बढ़िया तंज है परचेत साहब .आपको प्यार छुपाने की बुरी आदत है ,और हमें प्यार जताने की बुरी आदत है ......आप अपनी वृत्ति में रहो केकड़े की तरह हम अपनी में रहते हैं .सपेरा बनके .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-44568296164097645992012-11-01T18:55:21.767+05:302012-11-01T18:55:21.767+05:30इतना रोष !
कभी चुनाव नहीं लड़ना क्या ? :)इतना रोष ! <br />कभी चुनाव नहीं लड़ना क्या ? :)डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-12864634277414045852012-11-01T16:09:51.924+05:302012-11-01T16:09:51.924+05:30न जाने किस दिशा जा रहा है देश..न जाने किस दिशा जा रहा है देश..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-3409364587190572992012-11-01T15:56:56.919+05:302012-11-01T15:56:56.919+05:30This comment has been removed by the author.ULLUhttps://www.blogger.com/profile/15890733359306842776noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-11795671917821242802012-11-01T14:21:25.730+05:302012-11-01T14:21:25.730+05:30बहुत बढ़िया!
करवाचौथ की अग्रिम शुभकामनाएँ!बहुत बढ़िया!<br />करवाचौथ की अग्रिम शुभकामनाएँ!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-72960179818189957882012-11-01T13:40:13.471+05:302012-11-01T13:40:13.471+05:30चुन चुन कर हमने ही उनको जो भेजे थे वहाँ,
और उन्हों...चुन चुन कर हमने ही उनको जो भेजे थे वहाँ,<br />और उन्होंने भी चुन चुन कर मत बटोरे कहाँ से कहाँ,<br />आलम आज यह है, चुन चुन कर हम मारे दौड़े फिरते,<br />भीतर की रेला ठेली अब हुजुर बाद में भी देख लेंगे,<br />पकड़ने को उनको बाहरी रेले में बहुत तेज़ धकेले जा रहे है,<br />अवकाश एक छोटा सा मिल जाए, अधिकार तो बना ही रहेगा,<br />धोती पहना गाँधी कह गया, नागरिक का कर्त्तव्य ही रक्षा करें अधिकार की,<br />रक्षा करे लोकतंत्र की |<br />कभी जरा यह भी सोच लेंगे |<br />और फिर बगल में खड़ा लोकतंत्र मित्र बनकर कहेगा एक बार जरुर,<br />कही तो बहुत अच्छी मेरे भाई, <br />लगता है मेरे अच्छे दिन अब दूर नहीं... Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-16744139125895925372012-11-01T13:10:57.561+05:302012-11-01T13:10:57.561+05:30भाई जी ,आप का आना और आपको पदना हमेशा ही सुखद रहा ह...भाई जी ,आप का आना और आपको पदना हमेशा ही सुखद रहा है ..<br />काश! आपके आज के लिखे व्यंग की व्यथा को भी <br />हम सब समझे ....<br />शुभकामनाएँ!अशोक सलूजाhttps://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-62051330648782214102012-11-01T11:25:01.576+05:302012-11-01T11:25:01.576+05:30भ्रष्ट सरकार का भ्रष्ट लोकतंत्र है-सटीक सैर करवाई ...भ्रष्ट सरकार का भ्रष्ट लोकतंत्र है-सटीक सैर करवाई है !ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-63419426678029281992012-11-01T11:21:22.548+05:302012-11-01T11:21:22.548+05:30दिल्ली में धन-पेड़ है, चिकना सीध सपाट ।
चढ़ते हैं उद...दिल्ली में धन-पेड़ है, चिकना सीध सपाट ।<br />चढ़ते हैं उद्योगपति, जोहें रक्षक बाट ।<br />जोहें रक्षक बाट, चार ठो चोर-किंवाड़ा ।<br />न्याय, व्यवस्था, कार्य, मीडिया कार्य बिगाड़ा ।<br />लूटा मक्खन ढेर, किन्तु बँटवाती बिल्ली ।<br />साईं सबका भला, दूर जनता की दिल्ली ।।रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-20274240585071895902012-11-01T10:45:35.552+05:302012-11-01T10:45:35.552+05:30सब एक हमाम में ही तो बैठे हैं.सब एक हमाम में ही तो बैठे हैं.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.com