tag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post5276493795355523895..comments2024-03-14T14:34:56.362+05:30Comments on 'परचेत' : यूनियन कार्बाइड !पी.सी.गोदियाल "परचेत"http://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-87146410492612932402009-12-05T20:17:24.275+05:302009-12-05T20:17:24.275+05:30उस दिन एक त्रासदी हुई, लेकिन आज २५ साल बाद भी लोग...उस दिन एक त्रासदी हुई, लेकिन आज २५ साल बाद भी लोग सहायता के लिये तरस रहे हैं, ये सबसे बड़ी त्रासदी हैअजय कुमारhttps://www.blogger.com/profile/15547441026727356931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-12416509480056958322009-12-04T16:40:28.682+05:302009-12-04T16:40:28.682+05:30bahut sundar likha hai Godiyal ji..bahut sundar likha hai Godiyal ji..स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-63515899710759889862009-12-04T16:00:54.119+05:302009-12-04T16:00:54.119+05:30ek kadve sach ko ujagar karti bahad marmik rachna....ek kadve sach ko ujagar karti bahad marmik rachna.vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-1243242907202604002009-12-04T15:19:37.289+05:302009-12-04T15:19:37.289+05:30उसी का लूटा घरबार कुहरे की धुंध में ,
बनकर रहा जिस...उसी का लूटा घरबार कुहरे की धुंध में ,<br />बनकर रहा जिसका तू मेहमान कल तक ....<br />सच कहा ये मेहमान बन कर आते हैं और छुरा घोप कर चले जाते हैं ......... यही सच है इन मल्टिनीशनल कंपनिओ का ...... मार्मिक रचना ........दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-14162502107328907172009-12-04T14:36:17.403+05:302009-12-04T14:36:17.403+05:30एक दर्द हम भी भोग रहें हैं
सच कितनी भयावह है दुनिय...एक दर्द हम भी भोग रहें हैं<br />सच कितनी भयावह है दुनिया<br />"भोपाल वाली बुआ की " जो ज़िंदा ज़रूर हैं किन्तुबाल भवन जबलपुर https://www.blogger.com/profile/04796771677227862796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-62170692329365031022009-12-04T12:26:05.716+05:302009-12-04T12:26:05.716+05:30आपकी कविता पढ कर मन भारी हो गया। ईश्वर से यही काना...आपकी कविता पढ कर मन भारी हो गया। ईश्वर से यही काना है कि वह इस त्रासदी की भेंट चढे लोगों की आत्मा को शान्ति और इसके शिकार जीवित लोगों को सुकून नसीब करे।<br /><br />और हाँ, आपका ईमेल आईडी क्या है, बताने का कष्ट करें, जिससे तस्लीम पहेली-53 का वर्चुअल विजेता प्रमाण पत्र आपको भेजा जा सके।<br />zakirlko@gmail.comDr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-66431742084760349262009-12-04T10:31:05.840+05:302009-12-04T10:31:05.840+05:30marmik abhivyaktimarmik abhivyaktiनिर्झर'नीरhttps://www.blogger.com/profile/16846440327325263080noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-18586493294247281592009-12-04T08:00:06.932+05:302009-12-04T08:00:06.932+05:30सच्ची शब्दांजली।सच्ची शब्दांजली।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-5503179322225743082009-12-03T23:34:59.252+05:302009-12-03T23:34:59.252+05:30बहुत सुन्दर.कडवा सच भी.बहुत सुन्दर.कडवा सच भी.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-67351049961919177102009-12-03T22:43:17.159+05:302009-12-03T22:43:17.159+05:30इस त्रासदी में आहात हुए हज़ारों लोगों के प्रति एक स...इस त्रासदी में आहात हुए हज़ारों लोगों के प्रति एक संवेदनशील रचना।<br />पढ़कर अच्छा लगा की ये कविता आपने २५ साल पहले लिखी थी।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-17969417337966278932009-12-03T21:15:17.746+05:302009-12-03T21:15:17.746+05:30इस त्रासदी से त्रस्त परिवारों को आज तक भी न्याय न ...इस त्रासदी से त्रस्त परिवारों को आज तक भी न्याय न मिलना हमारी सरकार की अकर्मण्यता को जाहिर करता है।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-87735579750347647922009-12-03T21:02:50.191+05:302009-12-03T21:02:50.191+05:30एक बहुत अच्छी कविता, लेकिन यह जख्म तो बेगानो ने दि...एक बहुत अच्छी कविता, लेकिन यह जख्म तो बेगानो ने दिया, ओर उस पर नमक हमारी उस समय की सरकार ने छिडका, लोग आज भी हम होते हुये भिखारियो की तरफ़ इन हरामियो से हर्जाना मांग रहे है.. दिल जलता हैराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-85652048092829570742009-12-03T20:34:53.002+05:302009-12-03T20:34:53.002+05:30भोपाल त्रासदी एक ऐसी अनहोनी जिसे हम सब कभी भी भूल ...भोपाल त्रासदी एक ऐसी अनहोनी जिसे हम सब कभी भी भूल नही पाएँगे..और गोदियाल जी रचना बहुत सुंदर है एक कलाम से निकले शब्द वो चीज़ है जो कभी पुराने नही होते जब मन गुनगुनता है नये हो जाते है...धन्यवाद जीविनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-48534926766393467762009-12-03T20:09:32.544+05:302009-12-03T20:09:32.544+05:30बिख्ररे पडे जहां हरतरफ हड्डियो के ढेर,
इसकदर तो न ...बिख्ररे पडे जहां हरतरफ हड्डियो के ढेर,<br />इसकदर तो न थी वह बस्ती बेजान कलतक !<br />संजोया था अपना जो ख्वाबो का भोपाल,<br />लगता नही था जालिम वो शमशान कल तक !!<br />गो्दियाल साब उजड़ा हुआ भोपाल हमने देखा था। <br />आपकी जानदार कविता के लिए शानदार बधाई।ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-20005524592640936712009-12-03T18:59:16.562+05:302009-12-03T18:59:16.562+05:30ब्लागिंग के फायदे देखिए .. इतनी पुरानी रचना हम मौ...ब्लागिंग के फायदे देखिए .. इतनी पुरानी रचना हम मौके पर पढ पा रहे हैं .. बहुत सुंदर लिखा था आपने !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-68514942669760864082009-12-03T18:51:28.014+05:302009-12-03T18:51:28.014+05:30मारा बेदर्दी तूने हर उस एक शख्स को,
जो समझता था तु...मारा बेदर्दी तूने हर उस एक शख्स को,<br />जो समझता था तुझको नादान कल तक !<br />उसी का लूटा घरबार कुहरे की धुंध में ,<br />बनकर रहा जिसका तू मेहमान कल तक !!<br />ग़ज़ब भाईजी इससे शानदार कुछ नहीं हो सकता !!!Murari Pareekhttps://www.blogger.com/profile/16625386303622227470noreply@blogger.com