tag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post7489555236728442595..comments2024-03-14T14:34:56.362+05:30Comments on 'परचेत' : सैंडी- विनाशकारी चक्रवाती महातूफान: एक अभिशाप जो बन सकता है वरदान ! पी.सी.गोदियाल "परचेत"http://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-1909256977944730302012-11-02T20:15:10.844+05:302012-11-02T20:15:10.844+05:30हाँ फिर से खड़ा हो गया है अमरीका .हैलोवीन मनाया है...हाँ फिर से खड़ा हो गया है अमरीका .हैलोवीन मनाया है उसने धूम धाम से 31 अक्टूबर शाम को ,मांगी है बच्चों ने कैंडी उसी भाव से जैसे हम लोहड़ी मांगते हैं -होली मांगे उपला (होला )दिवाली मांगे तेल ,दे तो दे नहीं <br /><br />नाय कर दे .<br /><br />बहुत सटीक विश्लेषण परचेत साहब .आपने हमारे ब्लॉग पे आके शिरकत की अच्छा लगा .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-26381141472912809492012-11-01T15:58:35.773+05:302012-11-01T15:58:35.773+05:30hummmm ... अच्छी हिंदी लिखी है आपने ...hummmm ... अच्छी हिंदी लिखी है आपने ...ULLUhttps://www.blogger.com/profile/15890733359306842776noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-73695339836445545232012-11-01T10:55:11.455+05:302012-11-01T10:55:11.455+05:30नीलम नीलम,
सकलं गीलम्नीलम नीलम,<br />सकलं गीलम्प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-31134170871552893632012-11-01T09:14:08.662+05:302012-11-01T09:14:08.662+05:30सही कहा आपने.. भगवन करे ये ज्यादा नुकसान ना पहुंचा...सही कहा आपने.. भगवन करे ये ज्यादा नुकसान ना पहुंचाए।<br />अंतिम में बहुत बढ़िया कटाक्ष.<br /><br />मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत हैं। <br />http://rohitasghorela.blogspot.com/2012/10/blog-post.htmlRohitas Ghorelahttps://www.blogger.com/profile/02550123629120698541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-28633588386223947422012-10-31T22:29:21.240+05:302012-10-31T22:29:21.240+05:30यहाँ तो कुछ लोग यह दुआ मनायेंगे कि जल्दी से आये और...यहाँ तो कुछ लोग यह दुआ मनायेंगे कि जल्दी से आये और कमीशन मिले, घोटाला हो.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-51545953946837825862012-10-31T17:48:04.143+05:302012-10-31T17:48:04.143+05:30सही कहा . अमेरिका जापान तो फिर संभल जायेंगे.
लेकि...सही कहा . अमेरिका जापान तो फिर संभल जायेंगे. <br />लेकिन यहाँ आया तो हम कहाँ जायेंगे ! <br />यहाँ तो समुद्र का पानी नमकीन नहीं , कड़वा ही हो जायेगा. डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-49778006469492691362012-10-31T15:35:58.896+05:302012-10-31T15:35:58.896+05:30प्रकृति के साथ खिलवाड़ होगी तो यही सब होगा!प्रकृति के साथ खिलवाड़ होगी तो यही सब होगा!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-18189697019107471952012-10-31T14:06:32.697+05:302012-10-31T14:06:32.697+05:30ध्वनि प्रतिध्वनि | प्रकृति की घटिका (घडी) समजने मे...ध्वनि प्रतिध्वनि | प्रकृति की घटिका (घडी) समजने में कठिन होते हुए भी कितनी सरल है ! अगर विज्ञान को माने और बस थोडा सा ही तत्वक्षेत्र में झांकी करे तो घूम फिर कर कहीं ना कही मनुष्य के लिए स्वयं कर्तव्य का महत्त्व कितना बढ़ जाता है, उदाहरण के तौर पर 'जैसी करनी वैसी भरनी', अब कर्म का नियम और प्रकृति की घटिका कुछ ख़ास समीकरण और अपने खुद के टाइम टेबल पर चलते ही है, मानव ने मिटटी की काया पर अभिमान किया और ना जाने क्या क्या जो नाशवंत है उस पर अधिकार किया, और बस आगे बढ़ता ही गया | लेकिन भाई विज्ञान को तो ना भूलिए? फिर भी, अभी भी यह एक वोर्निंग मात्र है | समय सबका आता ही है, उचित समय, हर एक ध्वनि के उत्तर और प्रतिध्वनि का है | विश्वास रखिये | सात्विक प्रज्ञा, सकारात्मक सुख (जिसमे कठिनता और पुरुषार्थ - और व्यवहारु जागृति अधिक है) और एक ख़ास वातावरण का उपार्जन से फिर भी हमें आगे बढ़ते ही रहना होगा | Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-7908791435703679552012-10-31T13:00:40.241+05:302012-10-31T13:00:40.241+05:30सदा से प्रकृति से लडते ही आ रहे हैं हम ..
इसका रहस...सदा से प्रकृति से लडते ही आ रहे हैं हम ..<br />इसका रहस्य कौन समझ पाया आज तक ??संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-77237995584587622332012-10-31T12:40:00.292+05:302012-10-31T12:40:00.292+05:30सही आकलन किया हैसही आकलन किया हैvandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-32087815986478587702012-10-31T12:01:45.935+05:302012-10-31T12:01:45.935+05:30सटीक कहा भाकुनी साहब आपने, जाने क्या गुल खिलाये ये...सटीक कहा भाकुनी साहब आपने, जाने क्या गुल खिलाये ये संदीप-नीलम की जोड़ी :) पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-55239442659202113762012-10-31T11:47:30.517+05:302012-10-31T11:47:30.517+05:30जापान की तरह " सैंडी "( संदीप ) के कहर स...जापान की तरह " सैंडी "( संदीप ) के कहर से अमेरिका भी जल्दी उबर लेगा, लेकिन यहाँ जो मैडम "नीलम " की आहट सुनाई दे रही है उसका मुकाबला करने को हम कितने तैयार बैठे हैं यह देखने वाली बात होगी........पी.एस .भाकुनीhttps://www.blogger.com/profile/10948751292722131939noreply@blogger.com