tag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post1002318955242584379..comments2024-03-14T14:34:56.362+05:30Comments on 'परचेत' : तेरे इसरार पे मैं, हर हद पार करता हूँ। पी.सी.गोदियाल "परचेत"http://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-70908530505660662852014-09-23T13:47:08.487+05:302014-09-23T13:47:08.487+05:30सुन्दर रचना !
मेरे ब्लॉग पर आये और फॉलोवर बनकर अप...सुन्दर रचना !<br />मेरे ब्लॉग पर आये और फॉलोवर बनकर अपने सुझाव दे ! Manoj Kumarhttps://www.blogger.com/profile/16191596962503653854noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-16339643408352693502014-09-22T20:23:02.945+05:302014-09-22T20:23:02.945+05:30बहुत सुन्दर रचनाबहुत सुन्दर रचनाDr. Rajeev K. Upadhyayhttps://www.blogger.com/profile/16052699976424641255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-74399239844867072222014-09-21T22:42:34.702+05:302014-09-21T22:42:34.702+05:30तुम जो परोसो जाम,मुमकिन नहीं कि ठुकरा दूँ,
जब ओंठ...तुम जो परोसो जाम,मुमकिन नहीं कि ठुकरा दूँ, <br />जब ओंठों से लगा दो तो,कब इंकार करता हूँ। <br /><br /><br />उत्तम रचना।।Ankur Jainhttps://www.blogger.com/profile/17611511124042901695noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-15287165804778682442014-09-21T13:33:03.341+05:302014-09-21T13:33:03.341+05:30जबसे हुआ हूँ दीवाना, तेरी मय का,ऐ साकी,
सुबह होते ...जबसे हुआ हूँ दीवाना, तेरी मय का,ऐ साकी,<br />सुबह होते ही शाम का,मैं इन्तजार करता हूँ..<br />वाह बहुत ही लाजवाब शेर ... माय और साकी रहे तो फिर ये शाम चाहे न ख़त्म हो ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-5961455751144233382014-09-20T22:07:19.845+05:302014-09-20T22:07:19.845+05:30बहुत बढ़िया !बहुत बढ़िया !प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-65958325982459374662014-09-20T19:37:43.087+05:302014-09-20T19:37:43.087+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
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आपकी इस प्रविष्टि् की च...बहुत सुन्दर प्रस्तुति।<br />--<br /> आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (21-09-2014) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"> "मेरी धरोहर...पेड़" (चर्चा मंच 1743) </a> पर भी होगी।<br />--<br />चर्चा मंच के सभी पाठकों को<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com