tag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post1948922280738958418..comments2024-03-14T14:34:56.362+05:30Comments on 'परचेत' : नहीं मालूम, कौन सही है, कौन गलत !पी.सी.गोदियाल "परचेत"http://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-17046695123621157712012-12-03T09:34:41.785+05:302012-12-03T09:34:41.785+05:30विशाखापट्टनम और नार्वे की घटनाओं मे काफी अंतर है, ...विशाखापट्टनम और नार्वे की घटनाओं मे काफी अंतर है, हम आँख मूंदकर विशाखापट्टनम की घटना की निंदा कर सकते हैं किन्तु नार्वे की घटना की हकीकत को जाने समझे किसी भी प्रकार की टिपण्णी जल्दबाजी होगी ....<br />पी.एस .भाकुनीhttps://www.blogger.com/profile/10948751292722131939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-51382687820325737762012-12-02T19:20:18.410+05:302012-12-02T19:20:18.410+05:30ऎसी अज्ञानी, मूर्ख माँ को mental हॉस्पिटल में भर्त...ऎसी अज्ञानी, मूर्ख माँ को mental हॉस्पिटल में भर्ती कर देना चाहिए !ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-92079020007704414942012-12-02T18:56:02.352+05:302012-12-02T18:56:02.352+05:30सुन्दर बात सुन्दर बात Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-53450016322150140432012-12-02T17:22:28.371+05:302012-12-02T17:22:28.371+05:30दोनों ही स्थानों पर अतिप्रतिक्रिया है..दोनों ही स्थानों पर अतिप्रतिक्रिया है..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-24628734249717489882012-12-02T13:35:13.981+05:302012-12-02T13:35:13.981+05:30गहरा चिंतन का विषय तो है ही | प्रवर्तमान समय के सक...गहरा चिंतन का विषय तो है ही | प्रवर्तमान समय के सक्रीय मातापिता का वर्ग (आयु ३० से ४५ के बिच के) अगर सीमारेखा और संस्कारों के ग्रहण और वहन के लिए चिंतन से ऊपर कुछ व्यवहारु अनुशासन स्वयं के ऊपर जब तक नहीं लगायेंगे, एक ओर बेदरकारी के प्रतिबिंब बढ़ते जायेंगे और दूसरी ओर फ्रस्ट्रेशन रिएक्शन और डिक्टेशन का सिलसिला चलता ही रहेगा | <br /><br />वैसे पुरे विश्व में और ख़ास कर भारत जैसी सभ्यता एक क्रिटिकल ट्रांजिशन तले है, बहुआयामी नकारात्मकता का बोलबाला है - और सत्व शांत रह कर भी स्थापित होकर रहेगा | <br /><br />कोई परफेक्ट नहीं है, कोई अमर नहीं है, गुणदोष सब में है, श्रद्धा गँवाए बिना, फिलहाल तो लगे रहते है! Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-46035692557904592852012-12-02T00:26:06.476+05:302012-12-02T00:26:06.476+05:30काजल कुमार जी ये मान्यताओं वाली बात नहीं है...
काजल कुमार जी ये मान्यताओं वाली बात नहीं है... <br />लोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-59531720965422862062012-12-01T20:05:15.060+05:302012-12-01T20:05:15.060+05:30सभी समाजों की अपनी अपनी मान्यताएं हैं क्या कीजि...सभी समाजों की अपनी अपनी मान्यताएं हैं क्या कीजिए<br />Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-40986119013887688712012-12-01T19:56:00.305+05:302012-12-01T19:56:00.305+05:30वक्त ही है गोदियाल जी जो सबके भ्रम दूर करता है।वक्त ही है गोदियाल जी जो सबके भ्रम दूर करता है।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-66051546382750032852012-12-01T17:04:57.744+05:302012-12-01T17:04:57.744+05:30देश में बाल शोषण बहुत कॉमन है। इनमे यौन शोषण और शा...देश में बाल शोषण बहुत कॉमन है। इनमे यौन शोषण और शारीरिक शोषण सबसे ज्यादा होते हैं। अफ़सोस, दोनों ही करीबी रिश्तेदारों द्वारा किये जाते हैं। डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.com