tag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post3114713963606420935..comments2024-03-14T14:34:56.362+05:30Comments on 'परचेत' : आगाज इक्कीसवीं सदी का !पी.सी.गोदियाल "परचेत"http://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comBlogger23125tag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-31192020129897748102010-12-29T06:00:00.415+05:302010-12-29T06:00:00.415+05:30जंगल राज ही देखा मगर राम राज्य की उम्मीद कायम है ....जंगल राज ही देखा मगर राम राज्य की उम्मीद कायम है ...<br />आगामी दशक में सब कुशल हो ...शुभकामनायें !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-58247213517404884432010-12-28T19:37:10.574+05:302010-12-28T19:37:10.574+05:30बेहतरीन कटाक्ष्।बेहतरीन कटाक्ष्।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-60979283951393742642010-12-28T17:21:31.252+05:302010-12-28T17:21:31.252+05:30बढ़िया सटीक चित्र खीचा है लेखे जोखे ने!बढ़िया सटीक चित्र खीचा है लेखे जोखे ने!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-30413299848371522982010-12-28T12:20:16.699+05:302010-12-28T12:20:16.699+05:30पुरे साल का लेखा जोखा बहुत ही सच्चाई बयां करता हु...पुरे साल का लेखा जोखा बहुत ही सच्चाई बयां करता हुआ ....... सुंदर प्रस्तुति. <br /><a href="http://srijanshikhar.blogspot.com/2010/12/blog-post_26.html" rel="nofollow">फर्स्ट टेक ऑफ ओवर सुनामी : एक सच्चे हीरो की कहानी </a>उपेन्द्र नाथhttps://www.blogger.com/profile/07603216151835286501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-45863615480946124422010-12-26T23:00:07.869+05:302010-12-26T23:00:07.869+05:30bahut achcha likhe hain.bahut achcha likhe hain.mridula pradhanhttps://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-78714009733992101832010-12-25T16:50:36.632+05:302010-12-25T16:50:36.632+05:30गोदियाल जी!
यही तो वो परिस्थितियाँ हैं जिनके कारण ...गोदियाल जी!<br />यही तो वो परिस्थितियाँ हैं जिनके कारण नववर्ष या नवादशाब्दि का पर्व भी मनाने की इच्छा नहीं होती!!जिनमें सामर्थ्य है तस्वीर बदलने का वही इस तस्वीर को बदरंग किए बैठे हैं!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-50650629167027080442010-12-25T11:57:36.940+05:302010-12-25T11:57:36.940+05:30bhut hi satik aur sarthak rachna..........bhut hi satik aur sarthak rachna..........Er. सत्यम शिवमhttps://www.blogger.com/profile/07411604332624090694noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-83177828161927022372010-12-25T10:54:43.641+05:302010-12-25T10:54:43.641+05:30उम्मीद है कि राम-राज लाएगा, आगामी तेरा दशक ,
माँ क...उम्मीद है कि राम-राज लाएगा, आगामी तेरा दशक ,<br />माँ कसम,अबतक तो हमने,सिर्फ जंगल-राज देखा॥ <br /><br />सही कहा ।<br />उम्मीद पर दुनिया कायम है ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-7825232914846064652010-12-25T06:54:10.603+05:302010-12-25T06:54:10.603+05:30असहाय माँ देखी शिशु को, घास की रोटी खिलाती.
बरसाती...असहाय माँ देखी शिशु को, घास की रोटी खिलाती.<br />बरसाती गोदामों में सड़ता, सरकारी अनाज देखा...<br /><br />Hope the insensitive govt. will realize his errors. <br /><br />Let's hope for something better in the coming year<br /><br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-3190744157089768292010-12-25T01:58:26.679+05:302010-12-25T01:58:26.679+05:30बहुत ही सुन्दर और बेहतरीन रचना!बहुत ही सुन्दर और बेहतरीन रचना!nilesh mathurhttps://www.blogger.com/profile/15049539649156739254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-42985068021677555212010-12-25T01:15:49.000+05:302010-12-25T01:15:49.000+05:30सरकार बहुत ही करारा व्यंग किया है सब पर।सरकार बहुत ही करारा व्यंग किया है सब पर।लोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-34496808041581388532010-12-24T22:46:24.416+05:302010-12-24T22:46:24.416+05:30अरसा गुजर गया कहने को, रजवाड़े त्यागे हुए,
जनतंत्र...अरसा गुजर गया कहने को, रजवाड़े त्यागे हुए,<br />जनतंत्र संग पल रहा,फिर भी एक युवराज देखा॥<br /><br />बहुत अच्छा कटाक्ष करती गज़ल ...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-8118972174718910402010-12-24T22:03:33.749+05:302010-12-24T22:03:33.749+05:30उम्मीद है कि राम-राज लाएगा, आगामी तेरा दशक ,
माँ क...उम्मीद है कि राम-राज लाएगा, आगामी तेरा दशक ,<br />माँ कसम,अबतक तो हमने,सिर्फ जंगल-राज देखा॥<br />उम्मीद पर दुनिया कायम है , बहुत खूब बधाईSunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-51733850850325178542010-12-24T20:26:51.773+05:302010-12-24T20:26:51.773+05:30काम देखा, काज देखा,
YEH KAHO KYA NAHIN DEKHA :)काम देखा, काज देखा,<br /><br />YEH KAHO KYA NAHIN DEKHA :)चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-71649071891194543672010-12-24T19:44:53.319+05:302010-12-24T19:44:53.319+05:30खून और उबलने लगा.. लेकिन ?खून और उबलने लगा.. लेकिन ?भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-42937207244520294032010-12-24T19:04:07.154+05:302010-12-24T19:04:07.154+05:30बहुत सटीक और सार्थकबहुत सटीक और सार्थकसंजय कुमार चौरसियाhttps://www.blogger.com/profile/06844178233743353853noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-19218771894718344812010-12-24T16:14:55.725+05:302010-12-24T16:14:55.725+05:30आपका सत्य वर्णन यह प्रश्न उठा रहा है क़ि,क्या इसी ...आपका सत्य वर्णन यह प्रश्न उठा रहा है क़ि,क्या इसी दिन के लिए सरदार भगत सिंह,चंद्रशेखर आज़ाद ,राम प्रसाद बिस्मिल,सुखदेव,अशफाक उल्ला खां,ऊधम सिंह,आदि-आदि अनगिनत वीर सेनानियों ने कुर्बानियां दीं थीं?<br />आज भी मनसा-वाचा-कर्मणा सारे देशवासी एकजुट हो जाएँ तो भविष्य को सुखद बना सकते हैं .गोदियाल सा : आप पहल करें सारे ब्लागर्स आपके पीछे-पीछे चलेंगे.vijai Rajbali Mathurhttps://www.blogger.com/profile/01335627132462519429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-72012161543680282312010-12-24T15:47:34.859+05:302010-12-24T15:47:34.859+05:30सच कह रहे हे जी, आज कल तो जंगल राज से भी बदतर हे भ...सच कह रहे हे जी, आज कल तो जंगल राज से भी बदतर हे भारत का जीवन.... पता नही क्यो लूट मची हे इतनी, क्या यही ईमानदार प्रधानमत्री का देश हे? क्या ईमानदरी ऎसी होती हे? तो बेईमान ओर देश द्रोही केसा होगा?राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-58245928874633227612010-12-24T14:20:03.800+05:302010-12-24T14:20:03.800+05:30बढिया रचना है आज के परिवेश पर
इस समसामयिक पोस्ट के...बढिया रचना है आज के परिवेश पर<br />इस समसामयिक पोस्ट के लिये आभार<br />व्यंग्य भी है आज के हालात पर और सुखद भविष्य की आस भी <br /><br />प्रणाम स्वीकार करेंअन्तर सोहिलhttps://www.blogger.com/profile/06744973625395179353noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-16067842471865172472010-12-24T14:08:37.673+05:302010-12-24T14:08:37.673+05:30आदरणीय गोदियाल जी
नमस्कार !
बहुत सटीक और सार्थक क...आदरणीय गोदियाल जी<br />नमस्कार !<br /><br />बहुत सटीक और सार्थक कटाक्षसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-1171371170571085192010-12-24T13:41:47.960+05:302010-12-24T13:41:47.960+05:30बनते हुए महलों को देखा, झूठ की बुनियाद पर,
छल-कपट,...बनते हुए महलों को देखा, झूठ की बुनियाद पर,<br />छल-कपट, आडम्बरों का,इक नया अंदाज देखा॥<br /><br />बहुत सटीक और सार्थक कटाक्ष आज की व्यवस्था<br />पर..<br /><br /> उम्मीद है, कुछ नया लाएगा, आगामी तेरा दशक ,<br />माँ कसम,अबतक तो हमने,सिर्फ जंगल-राज देखापर.<br /><br />लेकिन उम्मीद फिर भी बाकी है..बहुत सुन्दर प्रस्तुतिKailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-15968028648043556892010-12-24T13:22:16.337+05:302010-12-24T13:22:16.337+05:30कसक निकल गयी, पूरी पीड़ा की।कसक निकल गयी, पूरी पीड़ा की।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-8466864632271069352010-12-24T13:03:08.799+05:302010-12-24T13:03:08.799+05:30तेरा आगामी दशक उम्मीद है, कुछ नया लाएगा,
माँ कसम,अ...तेरा आगामी दशक उम्मीद है, कुछ नया लाएगा,<br />माँ कसम,अबतक तो हमने,सिर्फ जंगल-राज देखा॥ <br /><br />सच कह रहे हैं अब कहाँ राम राज रहा अब तो जंगल राज है देखें अब नया क्या होता है उम्मीद बनाये रखिये।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.com