tag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post3358113600338410359..comments2024-03-14T14:34:56.362+05:30Comments on 'परचेत' : निर्विग्न !पी.सी.गोदियाल "परचेत"http://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-17447412790493956372011-10-30T06:26:30.267+05:302011-10-30T06:26:30.267+05:30अंग्रेजों व राजाओं ज़माने में जनता कितनी लुटती थी उ...अंग्रेजों व राजाओं ज़माने में जनता कितनी लुटती थी उसकी तो सिर्फ कहानियां ही सुनते है वो भी इन नेताओं के मुँह से!<br />जिन बुजुर्गों ने वो राज देखा था उनके मुँह से कभी कोई शोषण व अत्याचार वाली कहानियां नहीं सुनी पर अब इन देशी अंग्रेजों के राज में देख रहें है कि -कैसे कोर्पोरेट घराने देश की जनता और संसाधनों को खुलेआम बड़ी बेशर्मी से लुट रहे है और ये सारी लुट राजनेताओं व प्रशासन की सांठगांठ से चल रही है|Gyan Darpanhttps://www.blogger.com/profile/01835516927366814316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-51655722715130014512011-10-29T21:23:45.192+05:302011-10-29T21:23:45.192+05:30बहुत सही लिखा है.बहुत सही लिखा है.पुरुषोत्तम पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/01590298232558765226noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-18819214627801834242011-10-29T20:38:01.338+05:302011-10-29T20:38:01.338+05:30यह तो धींगा मस्ती है ।यह तो धींगा मस्ती है ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-12876546600563738962011-10-29T19:53:07.717+05:302011-10-29T19:53:07.717+05:30निश्चय ही चिन्तनीय स्थिति, सबके लिये न्याय बराबर र...निश्चय ही चिन्तनीय स्थिति, सबके लिये न्याय बराबर रहे।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-36469665884575131022011-10-29T19:15:20.494+05:302011-10-29T19:15:20.494+05:30Nice post.Nice post.Ayaz ahmadhttps://www.blogger.com/profile/09126296717424072173noreply@blogger.com