tag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post3600566136517498833..comments2024-03-14T14:34:56.362+05:30Comments on 'परचेत' : कुदरत और इंसान !पी.सी.गोदियाल "परचेत"http://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-25578734228127124262010-04-19T09:11:37.338+05:302010-04-19T09:11:37.338+05:30गूगल ट्रांसलेट सुविधा बहुत ही उपयोगी सुविधा है। बस...गूगल ट्रांसलेट सुविधा बहुत ही उपयोगी सुविधा है। बस यह समझने की जरूरत है कि इसे किस काम के लिये उपयोग करना चाहिये और किसके लिये नहीं। <br /><br />जापानी भाषा में लिखे किसी २००० शब्दों के लेख को मोटामोटी समझना हो तो गूगल एक वरदान से कम नहीं है। एक मिनट में वह 'ऐसा' अनुवाद दे देता है जिसको उस विषय की सामान्य जानकारी रखने वालपढ़कर समझ जाता है कि जापानी में क्या कहने की कोशिश की गयी है। यही काम किसी अनुवादक से कराना होता तो महीनों लग सकते हैं। सामान्य आदमी को जापानी अनुवादक मिलना असम्भव भी हो सकता है। पैसा भी खूब बर्बाद होगा। हो सकता है कि पहाड़ खोदने के बाद चूहिया निकले और सारा समय, पैसा और मेहनत बर्बाद हो जाय।<br /><br />हाँ, किसी साहितिक कृति (कविता आदि) के अनुवाद के लिये इसका उपयोग न किया जाय। अभी इस स्तर का होने में दशकों लग सकते हैं।अनुनाद सिंहhttps://www.blogger.com/profile/05634421007709892634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-7457660394967977612010-04-19T05:45:01.850+05:302010-04-19T05:45:01.850+05:30आपकी इस सुन्दर पोस्ट की चर्चा यहाँ भी तो है!
http:...आपकी इस सुन्दर पोस्ट की चर्चा यहाँ भी तो है!<br />http://charchamanch.blogspot.com/2010/04/blog-post_19.htmlडॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-38487974585780065732010-04-18T22:27:52.855+05:302010-04-18T22:27:52.855+05:30मगर अपना एक विमान उन दिनों की फ्लाईट के भी फर्स्ट ...मगर अपना एक विमान उन दिनों की फ्लाईट के भी फर्स्ट क्लास के कीमत यात्रितों से वसूलने में लगा है लेकिन यह उडेगा केसे ओर युरोप मै उतारेगा कहां?<br />वेसे ब्लांग जगत ओर कोई भारतीया या भारतीया परिवार मुनिख ऎयर पोर्ट पर फ़ंसा हो तो मुझे बताये... मै उन्हे बाइज्जत अपने घर पर एयर पोर्ट से लाऊगां ओर रखुंगा जब तक सब नार्मल नही हो जाता, ओर फ़िर उन्हे एयर पोर्ट भी छोड आंऊगा सब मुफ़्त मै.<br />अगर किसी को जरुरत हो तो मुझे मेल करे मै अपना फ़ोन ना० ओर अपना पता जल्द ही पोस्ट कर दुंगा.राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-85777934914602471782010-04-18T21:39:45.169+05:302010-04-18T21:39:45.169+05:30kudrat ke aage insaan kuch nahi ker sakta...ye sac...kudrat ke aage insaan kuch nahi ker sakta...ye sach hai.Tejhttps://www.blogger.com/profile/07239419875368579533noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-84263941048165079222010-04-18T20:53:39.972+05:302010-04-18T20:53:39.972+05:30कुदरत के कहर के आगे क्या अमरीका क्या रूस क्या इंग्...<b> कुदरत के कहर के आगे क्या अमरीका क्या रूस क्या इंग्लैंड और क्या चीन । मगर इनके प्रभाव से उत्पन्न परिस्थितियों में ही असली परख होती है है कई बातों की । जैसे कि ये जो घटियापन कर रही हैं एयलाईंस कंपंनियां जिनके बारे में बताया आपने । अफ़सोसनाक है सब कुछ </b> <br /><a href="http://www.google.com/profiles/ajaykumarjha1973#about" rel="nofollow"> अजय कुमार झा </a>अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-32726966083040958752010-04-18T20:20:37.133+05:302010-04-18T20:20:37.133+05:30स्थिति चिन्ताजनक है मगर ऐसे हालातों मे भी कुछ असमा...स्थिति चिन्ताजनक है मगर ऐसे हालातों मे भी कुछ असमाजिक तत्व मानवीयता को शर्मसार कर देते हैं …………॥सच यही फ़र्क है।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-27522778491910023422010-04-18T19:55:28.067+05:302010-04-18T19:55:28.067+05:30बहुत से लोग फंसे हैं फ्लाईट केन्सिलेशन में..स्थिति...बहुत से लोग फंसे हैं फ्लाईट केन्सिलेशन में..स्थितियाँ परेशानी वाली हैं.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-7351073856323171262010-04-18T19:34:42.584+05:302010-04-18T19:34:42.584+05:30सचमुच बहुत दुखद हालात हैं। सोच कर ही सिरहन सी ...सचमुच बहुत दुखद हालात हैं। सोच कर ही सिरहन सी होती है ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-71635360128655872862010-04-18T19:06:15.686+05:302010-04-18T19:06:15.686+05:30एक दूसरी खबर की ओर रुख करें, तो पाते है कि यूरोप म...एक दूसरी खबर की ओर रुख करें, तो पाते है कि यूरोप में फलाईटों की दिक्कत के बाद लोग अधिकांशतः इरो ट्रेन से यूरोप में सफ़र कर रहे है , साथ ही ठण्ड में मुफ्त में यात्रियों को कॉफ़ी मुहैया करा रहे है , यही है फर्क !!!!!!<br /><br /><br />सही है, मानवीयता इसी को कहते हैं...भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-77001588983900510412010-04-18T18:49:53.087+05:302010-04-18T18:49:53.087+05:30इस कूदत की चेतावनी को हम कब समझेंगे ... बाकी जहाँ ...इस कूदत की चेतावनी को हम कब समझेंगे ... बाकी जहाँ तक सर्वीस की बात है जिसका जैसा ज़ोर चल रहा है वो वैसा कर रहा है ... अमीरात एरलाइन्स सुना है होटल दे रही है ट्रॅन्सिट यात्रियों को दुबई में ... वहीं दूसरी कुछ भी नही कर रहीं ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-1828288670856505792010-04-18T18:45:47.482+05:302010-04-18T18:45:47.482+05:30प्रकृति के आगे सभी बेबस हैं।प्रकृति के आगे सभी बेबस हैं।Janduniahttps://www.blogger.com/profile/06681339283219498038noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-1598837237805082022010-04-18T18:45:26.766+05:302010-04-18T18:45:26.766+05:30इंसान बहुत बड़ी-बड़ी बाते करता है
ye to insaan ki f...इंसान बहुत बड़ी-बड़ी बाते करता है<br /><br />ye to insaan ki fitrat hai..<br />aur kuch nahi to badi badi baten to kar hi sakta hai....संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.com