tag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post6363408337688852143..comments2024-03-14T14:34:56.362+05:30Comments on 'परचेत' : अब अपना मुह बंद रखे इस वृहत लोकतंत्र के तंग दिल सनम !पी.सी.गोदियाल "परचेत"http://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-11927012275376639372010-08-05T18:37:45.034+05:302010-08-05T18:37:45.034+05:30दूसरे देश की एजेंसिया हमें सतर्क कर रही है कि जाग ...<b>दूसरे देश की एजेंसिया हमें सतर्क कर रही है कि जाग जाओ कहीं कुछ बड़ी गड़बड़ चल रही है !</b><br /><br />इस खबर का सन्दर्भ मिल सकता है? किस खुफिया एजेंसी ने किस खरत्र के प्रति हमें आगाह किया है?ab inconvenientihttps://www.blogger.com/profile/16479285471274547360noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-74788144954394789382010-08-05T08:16:43.727+05:302010-08-05T08:16:43.727+05:30४००० करोड़ रूपये खर्च का प्रारम्भिक आंकलन अगर सत्र...<b>४००० करोड़ रूपये खर्च का प्रारम्भिक आंकलन अगर सत्रह गुना बढ़ जाए तो भृकुटियाँ तनना भी स्वाभाविक है!</b><br />इतना बडा अमला और ये सारा तामझाम. अगर यह भी नहीं सम्भलता तो ओलिम्पिक्स की तो बात सोचना ही बेमानी है। वैसे ऐसे आयोजन के लिये दिल्ली के अलावा देश में कोई और शहर नहीं बचा है क्या?Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-30495528178405388242010-08-05T06:31:23.697+05:302010-08-05T06:31:23.697+05:30वन्दना जी की बात सही हैवन्दना जी की बात सही हैसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-27108465457088309322010-08-04T14:39:27.917+05:302010-08-04T14:39:27.917+05:30bilkul satik sahi baat likhaa hai aapne.aapne ek e...bilkul satik sahi baat likhaa hai aapne.aapne ek ek parat khol kar rakh diya hai......jaychandon ki sankhyaa badhti hi jaa rahi hai...prithviraj kare bhi to kya...arvindhttps://www.blogger.com/profile/15562030349519088493noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-26405711530353899972010-08-04T11:51:23.909+05:302010-08-04T11:51:23.909+05:30गोदियाल जी, आपने बिल्कुल सही लिखा. मैं आपके इस कथन...गोदियाल जी, आपने बिल्कुल सही लिखा. मैं आपके इस कथन से शत प्रतिशत सहमत हूँ कि आज जर्जर हो चुका पूरा सिस्टम ही काफी हद तक जिम्मेदार है. कुछ टिप्पणीकारों ने लिखा है कि देश की इज्जत के बारे में क्यों सोचे. अफ़सोस चाहे खेल ढंग से संपन्न हो या फिर कोई हादसे के साथ, असल नुकसान तो देश का होना है न कि उन लोगो का जो इस दुर्दशा के लिए जिम्मेवार है. <br />अगर खेल ढंग से निपट जाते है जो सत्रह गुना खर्चे का बोझ जनता के सर, और अगर कही खुदा न खस्ता कोई हादसा हो जाता है तो देश की बदनामी जिसकी वजह से देश में इन्वेस्टमेंट कम हो जायेगा और अर्थव्यस्था की गति मंद पड़ जाने का खतरा है.<br />ये तो वो बात हुई, कि चाकू खरबूजे पर घिरे या खरबूजा चाकू पर काटना तो खरबूजे (देश के नागरिक) ने ही है.Bhavesh (भावेश )https://www.blogger.com/profile/14963074448634873997noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-6131821454364818642010-08-04T11:18:55.967+05:302010-08-04T11:18:55.967+05:30वन्दना जी की बात सही है
लेकिन इन नेताओं पर कुछ असर...वन्दना जी की बात सही है<br />लेकिन इन नेताओं पर कुछ असर पडेगा, कहा नही जा सकता। <br />फिर भी हम तो यही कहेंगें कि "ये आयोजन जैसे भी हो ठीक ठीक ही निपट जाए और देश की इज्ज़त पर कोई आंच न आने पाए।"<br /><br />प्रणामअन्तर सोहिलhttps://www.blogger.com/profile/06744973625395179353noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-17946532205316325602010-08-04T10:20:37.148+05:302010-08-04T10:20:37.148+05:30एक बेहद उम्दा पोस्ट के लिए आपको बहुत बहुत बधाइयाँ ...एक बेहद उम्दा पोस्ट के लिए आपको बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं !<br /><br /><a href="http://blog4varta.blogspot.com/2010/08/4_04.html" rel="nofollow">आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है यहां भी आएं !</a>शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-58539646396511399152010-08-04T09:23:30.924+05:302010-08-04T09:23:30.924+05:30आपकी पोस्ट भी अच्छी है लेकिन वंदना जी से मैं पूरी ...आपकी पोस्ट भी अच्छी है लेकिन वंदना जी से मैं पूरी तरह सहमत हूँ की देश की इज्जत एक बार जानी ही चाहिए जिससे कांग्रेस के बेशर्म और भ्रष्ट नेताओं को गली-गली में नंगा किया जा सके उनके इस महान काम के लिए ,बेशर्मों की भी सीमायें होती है इनलोगों ने तो व्यवस्था को इतना सडा दिया है की बेशर्मी भी पानी-पानी हो गयी है ...honesty project democracyhttps://www.blogger.com/profile/02935419766380607042noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-5149865644054579642010-08-04T08:05:52.322+05:302010-08-04T08:05:52.322+05:30बहुत अच्छी प्रस्तुति।बहुत अच्छी प्रस्तुति।हास्यफुहारhttps://www.blogger.com/profile/14559166253764445534noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-54917170794396553442010-08-04T07:43:36.172+05:302010-08-04T07:43:36.172+05:30गुलामी के प्रतीक इस स्पर्धा के आयोजन का औचित्य क्य...गुलामी के प्रतीक इस स्पर्धा के आयोजन का औचित्य क्या है ???अजय कुमारhttps://www.blogger.com/profile/15547441026727356931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-11384925073501254222010-08-04T06:38:06.341+05:302010-08-04T06:38:06.341+05:30कसौटी फ़िल्म का गाना है गोदियाल साहब,
’हम बोलेगा त...कसौटी फ़िल्म का गाना है गोदियाल साहब,<br />’हम बोलेगा तो बोलोगे कि बोलता है’<br /><br />पहले तो अपनी गुलामी को ही सेलीब्रेट करने वाला फ़ार्मूला हम जैसों के पल्ले नहीं पड़ता।<br />फ़िर यहां के तौर तरीके,हम तो पिछड़ी मानसिकता वाले ही रह गये जी। देश की इज्जत, मेहमानों के सामने, वगैरह वगैरह।<br />वंदना जी के कमेंट से सहमत। <br /><br />गैर जिम्मेदार होने का मन कर रहा है।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-31868765366054369622010-08-04T00:52:18.617+05:302010-08-04T00:52:18.617+05:30बहुत दुखी और क्रोध भरे हृदय से लिखा है आपने.. होना...बहुत दुखी और क्रोध भरे हृदय से लिखा है आपने.. होना भी चाहिए। अपनी खून-पसीना बहाकर रुपया कमाकर टैक्स जमा करके सरकारी खजाने की रौनक बनाते हैं और भ्रष्ट नेता व अफसर उसे कुछ तो यूं ही बहा देते हैं और कुछ अपनी जेब में सरका लेते हैं। देश की इज्जत तो बची ही रहनी चाहिए... हम और आपको तो उसी में थोड़ी संतुष्टि हो जाएगी।लोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-19541930562269223512010-08-03T23:28:32.807+05:302010-08-03T23:28:32.807+05:30इन्हरमियो को तो सिर्फ़ एक हिटलर ही सीधा कर सकता है ...इन्हरमियो को तो सिर्फ़ एक हिटलर ही सीधा कर सकता है जो इन की जडॊ कॊ भी खॊद दे, बहुत सुंदर लेकिन हकीकत लिखी आप ने , हमे शर्म आने लगी है इन की हरकतो से लेकिन इन कमीनो कॊ कोई शर्म नही. धन्यवदराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-61132813150810014232010-08-03T22:21:06.916+05:302010-08-03T22:21:06.916+05:30सही चिंतनीय मुद्दा उठाया है....देश की कहाँ किसी को...सही चिंतनीय मुद्दा उठाया है....देश की कहाँ किसी को फ़िक्र है....अपनी जेबें भरने से फुर्सत ही कहाँ ...सब एक दूसरे पर आरोप -प्रत्यारोप कराने में लगे हैं ....आम जनता ही इज्ज़त की फ़िक्र में दुबली हुई जा रही है ...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-79549186518798970982010-08-03T18:50:26.911+05:302010-08-03T18:50:26.911+05:30गोदियाल जी , आपने समस्या का अच्छा विश्लेषण किया है...गोदियाल जी , आपने समस्या का अच्छा विश्लेषण किया है । लेकिन अब तो जो होगा , वक्त ही बताएगा ।<br />हमारे यहाँ एक कहावत होती है --अरे रामा , तन्ने कित कित रो ल्यूं ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-69703007840499587952010-08-03T18:43:09.266+05:302010-08-03T18:43:09.266+05:30वन्दना जी, इस बारे में तो मैंने सोचा भी नहीं था, आ...वन्दना जी, इस बारे में तो मैंने सोचा भी नहीं था, आपकी बात में दम है , बहुत खूब !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-45342137695709701632010-08-03T18:25:34.328+05:302010-08-03T18:25:34.328+05:30बात तो आपने सही उठाई है मगर क्युँ आप ही देशभक्त बन...बात तो आपने सही उठाई है मगर क्युँ आप ही देशभक्त बने और देश की इज़्ज़त का सोचें ……………मै तो कहती हूँ इस बार देश की इज़्ज़त मिट्टी मे मिल ही जाये ताकि यहाँ की जनता के साथ साथ देश के हर नेता की भी आँख खुल जाये और फिर कोई दोबारा देश की जनता की गाढी कमाई का दुरुपयोग करने का साहस नही कर सके…………………भ्रष्टाचार और बेईमानी की अब तो इंतिहा हो चुकी है इसलिये सबक मिलना जरूरी है…………आज के हालात ने देश के जीना दूभर कर दिया है गरीबी नही गरीब को मिटाने की कवायद चल रही है ,मँहगाई ने जीना मुश्किल किया हुआ है तो फिर क्यूँ हम ही हमेशा अपनी इज़्ज़त के लिये मर मिटें …………एक बार रुख से नकाब हटना ही चाहिये ताकि आने वाली पीढियों को सबक मिल सके और फिर कोई ऐसी अन्धेरगर्दी ना कर सके।<br />जय हिंदvandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-46737544293280689712010-08-03T17:47:20.714+05:302010-08-03T17:47:20.714+05:30ये आयोजन जैसे भी हो ठीक ठीक ही निपट जाए और देश की ...<b>ये आयोजन जैसे भी हो ठीक ठीक ही निपट जाए और देश की इज्ज़त पर कोई आंच न आने पाए !</b><br /><br />बेहद सटीक लिखा और हर जिम्मेदार नागरिक की यही ख्वाहिश है कि इज्जत बची रहे.<br /><br />रामरामताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.com