tag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post6409435861790851417..comments2024-03-14T14:34:56.362+05:30Comments on 'परचेत' : एक ख्याल; अच्छे कर्म और ग्लोबल वार्मिंग !पी.सी.गोदियाल "परचेत"http://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-27132372945780288562009-12-16T11:22:06.780+05:302009-12-16T11:22:06.780+05:30The Real Management of ancient and Modern Theory. ...The Real Management of ancient and Modern Theory. Very very deep studies bhai....Unknownhttps://www.blogger.com/profile/15925582544236332409noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-43263690327493514122009-12-16T11:06:28.458+05:302009-12-16T11:06:28.458+05:30मनुष्य जिस अंधी प्रगति की राह पे चल पडा है ... उसक...मनुष्य जिस अंधी प्रगति की राह पे चल पडा है ... उसका खामियाजा तो आज नहीं तो कल भुगतना ही पडेगा .....<br /><br />बिलकुल सार्थक विवेचन ...Rakesh Singh - राकेश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/03770667837625095504noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-77444620160635168262009-12-15T12:41:24.455+05:302009-12-15T12:41:24.455+05:30जैसी करनी वैसी भरनी ......... समय इस बात को साबित ...जैसी करनी वैसी भरनी ......... समय इस बात को साबित कर देगा ...... अभी तो बस देखते जाइए .......दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-103691300356052262009-12-15T11:51:14.319+05:302009-12-15T11:51:14.319+05:30अच्छा चिंतन किया है, जरा लम्बा हो गया. ऐसे ही खयाल...अच्छा चिंतन किया है, जरा लम्बा हो गया. ऐसे ही खयाल बहुत बार हमें भी आते हैं, मगर अनिश्वरवादी है. <br /><br />प्रकृति संतुलन साध लेती है. बन कर या बिगाड़ कर. आदमी ने जो छेड़खानी की है उसका हिसाब भी चुकता करेगी ही.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-21624594559105471492009-12-14T21:55:04.090+05:302009-12-14T21:55:04.090+05:30महत्वपूर्ण विषय पर रचना अच्छी लगी ।महत्वपूर्ण विषय पर रचना अच्छी लगी ।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-80375967235761956132009-12-14T21:11:45.896+05:302009-12-14T21:11:45.896+05:30"कर्मण्यवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन्""कर्मण्यवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन्"डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-6647757257887040502009-12-14T19:59:08.981+05:302009-12-14T19:59:08.981+05:30अपनी धरती का ख़्याल हमें ही रखना है इसलिए इन चिं...अपनी धरती का ख़्याल हमें ही रखना है इसलिए इन चिंताओं को गंभीरतापूर्वक लेना होगा।Rajeyshahttps://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-14943231716588252752009-12-14T19:06:53.283+05:302009-12-14T19:06:53.283+05:30बहुत अच्छा लेख लिखा आपने
बहुत -२ आभारबहुत अच्छा लेख लिखा आपने <br />बहुत -२ आभारPushpendra Singh "Pushp"https://www.blogger.com/profile/14685130265985651633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-88669977301652815182009-12-14T17:58:59.370+05:302009-12-14T17:58:59.370+05:30हम जो पाप कर रहे हैं, क्या उसी का नतीजा नहीं है ग्...हम जो पाप कर रहे हैं, क्या उसी का नतीजा नहीं है ग्लोबल वार्मिंग? जिस निर्दयता से प्रकृति का संहार कर रहे हैं, उसकी सज़ा तो ऊपरवाला तो देगा ही ॥चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-29659230573294255592009-12-14T17:47:13.631+05:302009-12-14T17:47:13.631+05:30बहुत पेचीदा मामला है। इसलिए बस इतना ही समझ में आता...बहुत पेचीदा मामला है। इसलिए बस इतना ही समझ में आता है की कर्म अच्छे करते रहो, फल अपने आप अच्छा मिल ही जाएगा। अभी नही तो थोड़ी देर बाद।<br />ग्लोबल वार्मिंग भी तो इंसान के बुरे कर्मो का ही फल है।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-31655863529613389092009-12-14T17:43:09.286+05:302009-12-14T17:43:09.286+05:30बहुत सार्गर्भिर आलेख है बडा जरूर है मगर रोचक होने ...बहुत सार्गर्भिर आलेख है बडा जरूर है मगर रोचक होने से पढा जल्दी गया सच मे सब के लिये मानव ही जिम्मेदार है खूब चिन्तन किया है आपने इसे लिखने के लिये । धन्यवाद ।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-38820040835911943122009-12-14T16:39:20.785+05:302009-12-14T16:39:20.785+05:30गंभीर विषय को रोचक बनाकर प्रस्तुत करना बहुत अच्छा,...गंभीर विषय को रोचक बनाकर प्रस्तुत करना बहुत अच्छा, लगा सोचना पड़ेगा.tension pointhttps://www.blogger.com/profile/02092866969143339658noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-20592682940824416912009-12-14T16:33:36.252+05:302009-12-14T16:33:36.252+05:30प्रत्येक बात की एक सीमा होती है। मानव ने प्रकृति क...प्रत्येक बात की एक सीमा होती है। मानव ने प्रकृति के साथ सीमा से अधिक खिलवाड़ किया है उसका फल तो मिलना ही है।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-87761708032135024612009-12-14T16:21:58.467+05:302009-12-14T16:21:58.467+05:30इस महत्वपूर्ण विषय पर आपके विचारों ने सोचने पर मजब...इस महत्वपूर्ण विषय पर आपके विचारों ने सोचने पर मजबूर कर दिया।<br />------------------<br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">ये तो बहुत ही आसान पहेली है?</a><br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">धरती का हर बाशिंदा महफ़ूज़ रहे, खुशहाल रहे।</a>Arshia Alihttps://www.blogger.com/profile/14818017885986099482noreply@blogger.com