tag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post672030098794707966..comments2024-03-14T14:34:56.362+05:30Comments on 'परचेत' : अब तो नहीं जाओगे न पहाड़ों पर ? जाना भी नहीं, प्लीज !पी.सी.गोदियाल "परचेत"http://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-81767707431376230432013-06-23T16:23:31.860+05:302013-06-23T16:23:31.860+05:30एक बहुगुणा है, एक गिरधर गोमांग था और एक था नीरो.....एक बहुगुणा है, एक गिरधर गोमांग था और एक था नीरो... Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-58823766290472486172013-06-23T14:02:16.420+05:302013-06-23T14:02:16.420+05:30अब तो ठहरा रहेगा आस्था का बहाव, न जाने कितने दिनों...अब तो ठहरा रहेगा आस्था का बहाव, न जाने कितने दिनों तक।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-25538637809044691912013-06-23T11:26:04.381+05:302013-06-23T11:26:04.381+05:30सटीक लेख .... अब भी नहीं सोचा तो और न जाने क्या कह...सटीक लेख .... अब भी नहीं सोचा तो और न जाने क्या कहर होगा । संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-73174696022275170022013-06-23T11:06:33.292+05:302013-06-23T11:06:33.292+05:30आपके आलेख से शतप्रतिशत हूँ ! पर्यावरण विनाश की कीम...आपके आलेख से शतप्रतिशत हूँ ! पर्यावरण विनाश की कीमत पर विकास नहीं चाहिए हमें और आगे से चली आ रही ऐसी व्यवस्थाओं को क्यों बदला जा रहा है जिनका संबध पर्यावरण में संतुलन बनाए रखने से था ! पूरण खण्डेलवालhttps://www.blogger.com/profile/04860147209904796304noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-41236115111033910752013-06-23T06:14:01.664+05:302013-06-23T06:14:01.664+05:30हर उम्र के उन दिवंगतों को मेरी भावभीनी श्रृद्धांजल...हर उम्र के उन दिवंगतों को मेरी भावभीनी श्रृद्धांजली, जिन्होंने 16-17 जून, 2013 को आये पहाड़-प्रलय में न सिर्फ अपनी जान गंवाई अपितु बहुत ही कष्टकारी माहौल में अपनी अंतिम साँसे गिनी। अब ये चाहे मानव निर्मित हो या फिर दैविक प्रलय, किन्तु आपदा से उपजी विपदा की इस घड़ी में हर इंसान का यह पहला कर्तव्य बनता है कि पीड़ितों का दुःख-दर्द समझे और उन्हें हर संभव मदद पहुंचाएँ...!<br />--<br />आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज रविवार (23-06-2013) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/2013/06/1285.html" rel="nofollow"> मौत से लेते टक्कर : चर्चा मंच 1285 में "मयंक का कोना" </a> पर भी है!<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-11519328502406397792013-06-23T02:42:18.432+05:302013-06-23T02:42:18.432+05:30आपकी भावना समझी जा सकती है। हमारी लोभी प्रवृत्ति न...आपकी भावना समझी जा सकती है। हमारी लोभी प्रवृत्ति ने पूरे देश को ही नर्क बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है, फिर दुर्गम तीर्थ-स्थल कैसे बचें? धारी देवी का ही नहीं, कोई भी मंदिर, घर, गाँव बचना चाहिए लेकिन यदि धारी देवी को यदि मूर्ति हटाने का कोप करना होता तो वे उसे मूर्ति हटाने वालों तक सीमित कर सकती थीं। घटना के बाद लुटेरे केदारनाथ मंदिर की हुंडियाँ तक लाशों के बीच से लूटकर ले गए, लानत है ऐसी राक्षसी प्रवृत्ति पर ... Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-71279106303406822702013-06-23T00:51:14.058+05:302013-06-23T00:51:14.058+05:30.एकदम सही कहा आपने आभार गरजकर ऐसे आदिल ने ,हमें गु....एकदम सही कहा आपने आभार <a href="http://shalinikaushik2.blogspot.com" rel="nofollow">गरजकर ऐसे आदिल ने ,हमें गुस्सा दिखाया है . </a> आप भी जानें <a href="http://shalinikaushikadvocate.blogspot.com" rel="nofollow">संपत्ति का अधिकार -४.</a>नारी ब्लोगर्स के लिए एक नयी शुरुआत आप भी जुड़ें <a href="http://woman-man2.blogspot.com" rel="nofollow">WOMAN ABOUT MAN </a>Shalini kaushikhttps://www.blogger.com/profile/10658173994055597441noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-72692580393348244222013-06-22T22:42:46.135+05:302013-06-22T22:42:46.135+05:30जब ईश्वर सर्वत्र है तो उनके लिए पहाड़ों में जाना अध...<br />जब ईश्वर सर्वत्र है तो उनके लिए पहाड़ों में जाना अधविश्वास के अलावा कुछ नहीं. धर्मान्धता और राजनीति देश को पतन की ओर ले जा रहा है <br />latest post<a href="http://www.kpk-vichar.blogspot.in/2013/06/0.html#comment-form" rel="nofollow"> परिणय की ४0 वीं वर्षगाँठ !</a>कालीपद "प्रसाद"https://www.blogger.com/profile/09952043082177738277noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-11501888794411152232013-06-22T22:14:31.034+05:302013-06-22T22:14:31.034+05:30 बहुत ही सुन्दर और यथार्थ परक आलेख . मैं ... बहुत ही सुन्दर और यथार्थ परक आलेख . मैं आपकी बात से पूर्णतः सहमत हूँ . दरअसल तीर्थ यात्राएँ अब पिकनिक मात्र बनकर रह गयी हैं . Neeraj Neerhttps://www.blogger.com/profile/00038388358370500681noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-27217589566319739342013-06-22T22:00:59.498+05:302013-06-22T22:00:59.498+05:30बहुत सही आकलन -पर लोग औचित्य पर विचार न कर मनमानी ...बहुत सही आकलन -पर लोग औचित्य पर विचार न कर मनमानी पर उतारू रहते है,तात्कालिक सुख की चाह होती है केवल ! प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-50799523323424319432013-06-22T20:02:46.335+05:302013-06-22T20:02:46.335+05:30कुछ अंधविश्वास , कुछ लोगों की लालची प्रवृति और कुछ...कुछ अंधविश्वास , कुछ लोगों की लालची प्रवृति और कुछ सम्बंधित विभागों की लापरवाही से पर्यावरण नष्ट हो रहा है। फिर परिणाम तो भुगतना ही पड़ेगा। <br /><br />आक्रोश जायज़ है। डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1061352642193126435.post-67738558245005686752013-06-22T19:33:11.426+05:302013-06-22T19:33:11.426+05:30मन चंगा तो बहती रहे कठौती में गंगा, अपने कर्मों पर...मन चंगा तो बहती रहे कठौती में गंगा, अपने कर्मों पर ध्यान अधिक दीजिये और भगवान् की दया पर निर्भर रहना कम कीजिये। भाड में गई अर्थव्यवस्था। जहां इतने घोटालों , चोरी , लूटमार से देश देश की अर्थव्यवस्था भी चल ही रही है वैसे उन परदेशो की भी चल ही जायेगी।<br /><br />बहुत सटीक.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.com