Thursday, August 26, 2010

अर्थ-अनर्थ !
















छवि गूगल से साभार , कार्टून को बड़े आकर में देखने के लिए कृपया उस पर क्लिक करे !

15 comments:

  1. सीटी बजाने वाला का सीटी भी छीन लिया न्यायपालिका अऊर जेल में डाल दिया कार्यपालिका..
    अब सीटी बजाते रहिए...

    ReplyDelete
  2. शाम ढले खिडकी तले
    तुम सीटी बजाना छोड दो :)

    ReplyDelete
  3. बहुत बजाई सीटी जी ... अब बच्चो के लिये छोड दी:)

    ReplyDelete
  4. लो कल्लो बात..ये भी खूब रही!! :)

    ReplyDelete
  5. बिल्कुल बज गई जी.

    रामराम.

    ReplyDelete
  6. सीटी बजने की ये एक नई शुरुआत है .... फिर पब्लिक की बजना ही है .... आभार

    ReplyDelete
  7. लो सबको अपना बना लिया
    सीटी बजा के।

    ReplyDelete
  8. अरे वाह गोदियाल जी.
    अच्छी खबर सुनाई आपने, आखिर सरकार ने हम जैसों की सुनी तो।

    ReplyDelete

सहज-अनुभूति!

निमंत्रण पर अवश्य आओगे, दिल ने कहीं पाला ये ख्वाब था, वंशानुगत न आए तो क्या हुआ, चिर-परिचितों का सैलाब था। है निन्यानबे के फेर मे चेतना,  कि...