Wednesday, January 16, 2013

तोबा-तोबा !











निराले तुम्हारे अंदाज 
हर रंज-ओ-गम, सिकवे-गिले में,
शायद यही वजह है 
जो वालिद ने तुम्हारे, 
कैद करके रखा तुमको किले में।   

ताज्जुब की बात है कि 

फिर भी दिल तुम्हारा चोरी हो गया,
मुझे  ऐसे हुआ मालूम कि 
शक की वीनाः पर पुलिस ने 
मेरे घर छापा डाला इसी सिलसिले में।।   


8 comments:

  1. वाह .. क्या बात है ...
    छापा मारने की दिल उनका चोरी हो गया ...

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  2. चोरी गयी चीज मिली या नहीं..

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  3. क्षमा सहित -

    इत्तिफाक से मिल गयी, नंगा झोरी होय ।

    फोटो-कॉपी से मिला, यो ही छोरी होय ।

    यो ही छोरी होय, रखे दिल-बड़ी तिजोरी ।

    रही रोज अब धोय, पुलिस ने पकड़ी चोरी ।

    यह अंधड़ घनघोर, झरे अब अश्रु आँख से ।

    बसी कहाँ प्रियतमा, डरूं इस इत्तिफाक से ।।

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  4. @भारतीय नागरिक - Indian Citizen:
    तलाश जारी है............ :)

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  5. नमस्ते जी
    यथार्थ की अभिब्यक्ति बहुत ही अच्छी सटीक कबिता ने बयां किया है,

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  6. वाह, दिल आया भी तो किस पर।

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सहज-अनुभूति!

निमंत्रण पर अवश्य आओगे, दिल ने कहीं पाला ये ख्वाब था, वंशानुगत न आए तो क्या हुआ, चिर-परिचितों का सैलाब था। है निन्यानबे के फेर मे चेतना,  कि...