Wednesday, March 29, 2017

वाह रे दुनिया ; लड़के का 'उपनाम' अल्लाह हो सकता है मगर लड़की का नहीं !

 एक वक्त था जब अमेरिका को  दुनिया का  सबसे सभ्य और उन्नत देश माना जाता था।  शायद, वह भी इंसानी सोच और कृत्यों का ही परिणाम था, और आज वही अमेरिकी देश है जिसके जॉर्जिया प्रांत के  सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने एक अविवाहित दंपत्ति, एलिजावेथ हैण्डी और विलाल असीम वाक की बाइस महीने की पुत्री को जन्म प्रमाण पत्र जारी करने से इस बिनाह पर मना कर दिया कि आप बेटी  का  'उपनाम' (Surname) 'अल्लाह' नहीं रख सकते। 

                              Source:  BBC News 

मजेदार बात यह है कि इसी अविवाहित दम्पति का एक जवान बेटा भी है जिसका नाम है ; "मास्टरफुल  मोसीरह  अली  अल्लाह". जहां तक मैं समझ सकता हूँ , ऐसा तो हुआ नहीं होगा कि इनके इस बेटे को भी अथॉरिटी ने जन्म प्रमाण पत्र न दिया हो।  :-) 

वक्त के साथ तथाकथित सभ्य दुनियां में भी शायद निष्पक्षता और तटस्थता के मायने भी बदल गए , लगता है।   

संशय!

इतना तो न बहक पप्पू ,  बहरे ख़फ़ीफ़ की बहर बनकर, ४ जून कहीं बरपा न दें तुझपे,  नादानियां तेरी, कहर  बनकर।