Monday, April 26, 2021

दौर

खौ़फजदा है दुनिया

कोरोना के नाम से,

गुजर रही है जिंदगी

कुछ ऐसे मुकाम से ।

प्यार मे गले मिलना

गुजरी सदी की बात है,

दूर हो जाते हैं अजीज भी,

जरा से जुकाम से।।

सहज-अनुभूति!

निमंत्रण पर अवश्य आओगे, दिल ने कहीं पाला ये ख्वाब था, वंशानुगत न आए तो क्या हुआ, चिर-परिचितों का सैलाब था। है निन्यानबे के फेर मे चेतना,  कि...