Thursday, October 26, 2023

भैंस, भैंस की बात ठहरी।

ना ही अभिमान करती, ना स्व:गुणगान गाती,

ना ही कोई घोटाला करती, न हराम का खाती,

स्वाभिमानी है, खुदगर्ज है, खुल्ले में न नहाती,

इसीलिए हमारी भैंस, कभी पानी में नहीं जाती।

सहज-अनुभूति!

निमंत्रण पर अवश्य आओगे, दिल ने कहीं पाला ये ख्वाब था, वंशानुगत न आए तो क्या हुआ, चिर-परिचितों का सैलाब था। है निन्यानबे के फेर मे चेतना,  कि...