ना ही अभिमान करती, ना स्व:गुणगान गाती,
ना ही कोई घोटाला करती, न हराम का खाती,
स्वाभिमानी है, खुदगर्ज है, खुल्ले में न नहाती,
इसीलिए हमारी भैंस, कभी पानी में नहीं जाती।
...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
हमेशा झूमते रहो सुबह से शाम तक, बोतल के नीचे के आखिरी जाम तक, खाली हो जाए तो भी जीभ टक-टका, तब तलक जीभाएं, हलक आराम तक। झूमती जिंदगी, तुम क्...
वाह
ReplyDeleteअति सुन्दर
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