Monday, February 19, 2024

ठिठुरन

 


1 comment:

  1. एक उम्र है जो पूरी होने को है.
    भावपूर्ण.

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संशय!

इतना तो न बहक पप्पू ,  बहरे ख़फ़ीफ़ की बहर बनकर, ४ जून कहीं बरपा न दें तुझपे,  नादानियां तेरी, कहर  बनकर।