Friday, May 17, 2024

संशय!

इतना तो न बहक पप्पू , 

बहरे ख़फ़ीफ़ की बहर बनकर,

४ जून कहीं बरपा न दें तुझपे, 

नादानियां तेरी, कहर  बनकर।

2 comments:

  1. इतना तो न बहक पप्पू
    शानदार

    ReplyDelete
  2. कौंग्रेस की उम्मीदें

    ReplyDelete

संशय!

इतना तो न बहक पप्पू ,  बहरे ख़फ़ीफ़ की बहर बनकर, ४ जून कहीं बरपा न दें तुझपे,  नादानियां तेरी, कहर  बनकर।