Monday, December 25, 2017

ए दुनियांदारी है कि होती नहीं टस से मस
,
जिधर झांको निन्यानबे का ही फेर है, बस,
तीन सौ पैंसठ दिन यूं ही चलती है जिन्दगी,
आज बडा दिन है, छोड़ दो सारी कशमकश।
मैंरी क्रिसमस !!

3 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (26-12-2017) को "स्वच्छता ही मन्त्र है" (चर्चा अंक-2829) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    क्रिसमस हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    ReplyDelete
  2. कमाने वाले आज के दिन भी बड़ीं कमाई देखते हैं ...
    क्रिसमस की बधाई सर ...

    ReplyDelete
  3. जिस दिन खूब कमाई उस दिन बड़ा दिन वर्ना सब दिन छोटे
    बहुत सही

    ReplyDelete

सहज-अनुभूति!

निमंत्रण पर अवश्य आओगे, दिल ने कहीं पाला ये ख्वाब था, वंशानुगत न आए तो क्या हुआ, चिर-परिचितों का सैलाब था। है निन्यानबे के फेर मे चेतना,  कि...