Wednesday, December 4, 2013

विकलांग आप है जिन्होंने अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया !

जज्बे को सलाम ! 

8 comments:

  1. सबसे पहले तो बहुत दिनों के बाद दर्शन देने पर स्‍वागत है। गजब का जज्‍बा।

    ReplyDelete
  2. दारुण दिखता दृश्य यह, गायब दोनों हाथ |
    पैरों पर स्याही लगे, सत्साहस है साथ |
    सत्साहस है साथ, अनोखा वोटर आया |
    करता चोखा काम, एक सन्देश सुनाया |
    धन्य धन्य विकलांग, देह से दीखते भारु |
    लेकिन हैं कुछ लोग, मांगते पहले दारू ||

    ReplyDelete
  3. इस जज्‍बे को हमारा भी सलाम!
    प्रेरक प्रस्तुति ...

    ReplyDelete
  4. बहुत सुंदर प्रेरक चित्र और प्रस्तुति ....!
    ==================
    नई पोस्ट-: चुनाव आया...

    ReplyDelete
  5. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बृहस्पतिवार (05-12-2013) को "जीवन के रंग" चर्चा -1452
    पर भी है!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    ReplyDelete
  6. प्रेरक ... सच मेमिन जो होते हुए भी उपयोग नहीं करते मत का ... उन्हें बात करने का भी हक नहीं है ...

    ReplyDelete
  7. स्वागत है भाई जी .....ज़ज्बे का ..ज़ज्बे को सलाम !

    ReplyDelete
  8. वाकई सलाम करने योग्य हैं.

    रामराम.

    ReplyDelete

सहज-अनुभूति!

निमंत्रण पर अवश्य आओगे, दिल ने कहीं पाला ये ख्वाब था, वंशानुगत न आए तो क्या हुआ, चिर-परिचितों का सैलाब था। है निन्यानबे के फेर मे चेतना,  कि...