जब मालूम हुआ तो कुछ ऐसे करवट बदली, जिंदगी उबाऊ ने,
शुरू किया नश्वर में स्वर भरना, सभी ब्लॉगर बहिण, भाऊ ने,
निष्क्रिय,सक्रिय सब प्रयास करते, रसहीन ब्लॉग में रस भरने की,
१ जुलाई, ब्लॉगिंग दिवस घोषित किया है, रामपुरिया ताऊ ने। :-)
...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
उस हवेली में भी कभी, वाशिंदों की दमक हुआ करती थी, हर शय मुसाफ़िर वहां,हर चीज की चमक हुआ करती थी, अतिथि,आगंतुक,अभ्यागत, हर जमवाडे का क्या कहन...