Tuesday, January 10, 2023

जोशीमठ आपदा

धसगी जोशीमठ, हे खाली करा झठ,

भागा सरपट, हे धसगी जोशीमठ।

नी रै अपणु वू, ज्यूंरा कु ह्वैगि घौर,

नी खोण ज्यू-जान, तै कूड़ा का भौर,

जिंदगी का खातिर, छोडिद्यावा हठ,

भागा सरपट, हे धसगी जोशीमठ।


संशय!

इतना तो न बहक पप्पू ,  बहरे ख़फ़ीफ़ की बहर बनकर, ४ जून कहीं बरपा न दें तुझपे,  नादानियां तेरी, कहर  बनकर।