मौसम जाड़े का..

कह न पाऊंगा कोई कहानी रस भरी, जुबां पे इक दास्तां है, वो भी दर्द भरी, हमारे वयां करने को अब बचा ही क्या? जाड़े का मौसम है , दिसम्बर-जनवरी। च...