...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
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मौन-सून!
ये सच है, तुम्हारी बेरुखी हमको, मानों कुछ यूं इस कदर भा गई, सावन-भादों, ज्यूं बरसात आई, गरजी, बरसी और बदली छा गई। मैं तो कर रहा था कबसे तुम...
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नोट: फिलहाल टिप्पणी सुविधा मौजूद है! मुझे किसी धर्म विशेष पर उंगली उठाने का शौक तो नहीं था, मगर क्या करे, इन्होने उकसा दिया और मजबूर कर द...
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स्कूटर और उनकी पत्नी स्कूटी शहर के उत्तरी हिस्से में सरकारी आवास संस्था द्वारा निम्न आय वर्ग के लोगो के लिए ख़ासतौर पर निर्म...
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देशवासियों तुम हमें सत्ता देंगे तो हम तुम्हें गुजारा भत्ता देंगे। सारे भूखे-नंगों की जमात को, बिजली-पानी, कपड़ा-लत्ता देंगे। ...

हमारे पास बिरयानी की कमी थोड़े ही है. इस एफ डी आई को लाने वाले का स्वागत खूब करेंगे मुर्गा और बिरयानी से.
ReplyDeleteबिना एफ डी आई के भी तो आ रहे हैं ... अब कमसे कम ये चीजें लीगली आने अगेंगी ... जय तो सरकार की ...
ReplyDeleteबताईये, आपकी अर्थव्यवस्था पर कितना कार्य हो रहा है।
ReplyDeleteपाकिस्तान की मिलिट्री, इंटेलिजेंस, ब्र्युरोक्रेट्स और सो कॉल्ड बुद्धिजीवी भी कभी जर्दा और बिरयानी के आगे नहीं सोच सकेंगे।
ReplyDeleteआतंकवाद तेरे कितने रूप?
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