...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
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प्रश्न -चिन्ह ?
पता नहीं , कब-कहां गुम हो गया जिंदगी का फ़लसफ़ा, न तो हम बावफ़ा ही बन पाए और ना ही बेवफ़ा।
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स्कूटर और उनकी पत्नी स्कूटी शहर के उत्तरी हिस्से में सरकारी आवास संस्था द्वारा निम्न आय वर्ग के लोगो के लिए ख़ासतौर पर निर्म...
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अगस्त २००८ के आस-पास मैंने ब्लॉग-जगत में कदम रखा था! तबसे ब्लोगर मित्रों और सम्माननीय पाठकों की प्रेरणा पाकर मैंने एक लघु उपन्यास, ४१ कहानिय...
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पिछले कुछ दिनों से ब्लॉग जगत पर एक ख़ास बात के ऊपर नजर गडाए था ! देखना चाहता था कि अक्सर किसी एक ख़ास मुद्दे पर एक साथ लेखों की बाढ़ निकाल द...
हमारे पास बिरयानी की कमी थोड़े ही है. इस एफ डी आई को लाने वाले का स्वागत खूब करेंगे मुर्गा और बिरयानी से.
ReplyDeleteबिना एफ डी आई के भी तो आ रहे हैं ... अब कमसे कम ये चीजें लीगली आने अगेंगी ... जय तो सरकार की ...
ReplyDeleteबताईये, आपकी अर्थव्यवस्था पर कितना कार्य हो रहा है।
ReplyDeleteपाकिस्तान की मिलिट्री, इंटेलिजेंस, ब्र्युरोक्रेट्स और सो कॉल्ड बुद्धिजीवी भी कभी जर्दा और बिरयानी के आगे नहीं सोच सकेंगे।
ReplyDeleteआतंकवाद तेरे कितने रूप?
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