मलिंगा, विश्व कप फ़ाइनल मैच से पहले और मैच के बाद;
वाह भई, शाहिद अफ्रीदी,
तेरा भी ईमान डोल गया,
यहाँ आकर झूठ बोला,
वहाँ जाके तू सच बोल गया !
देख,कितना गिरा देती है
इंसान को, नीयत डोलकर,
बीसियों झूठ बोलने पड़ते है,
फिर एक झूठ बोलकर !
मुह लगाते न तुम जैसों को,
गर हम बड़े दिलवाले होते,
न असुर मूंग दलता छाती,
न राज करते हम पर खोते !
सरे-राह मगर क्यों तू ,
अपना सड़ा मुह खोल गया,
यहाँ आकर झूठ बोला,
वहाँ जाके सच बोल गया !
वाह भई, शाहिद अफ्रीदी,
तेरा भी ईमान डोल गया,
यहाँ आकर झूठ बोला,
वहाँ जाके तू सच बोल गया !
देख,कितना गिरा देती है
इंसान को, नीयत डोलकर,
बीसियों झूठ बोलने पड़ते है,
फिर एक झूठ बोलकर !
मुह लगाते न तुम जैसों को,
गर हम बड़े दिलवाले होते,
न असुर मूंग दलता छाती,
न राज करते हम पर खोते !
सरे-राह मगर क्यों तू ,
अपना सड़ा मुह खोल गया,
यहाँ आकर झूठ बोला,
वहाँ जाके सच बोल गया !
चित्र एक मेल से मिला !
धन है तो लुटाया जा रहा है।
ReplyDeleteगोदियाल साहब, फिर से मुंह खोल गया
ReplyDeleteकहता है अखबारों ने गलत बोल दिया...
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ReplyDeleteबहुत सटीक बात कह दी है ...
ReplyDeleteगिरगिट था रंग तो बदलना ही था....
ReplyDeleteRaat ke high voltage me main bhee pataa nahee kyaa-kyaa likh detaa hoon, mujhe bhee nahee maaloom rahtaa:) :)
ReplyDeletesachchaai bakhan karti hui aapki kavita bhi bhi bahut kuchh bol gaya....badhiya
ReplyDeleteआपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
ReplyDeleteप्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (7-4-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com/
अफ़रीदी जी बस अपना चरित्र ही बयान कर रहें हैं ... अफ़रीदी जी ऐसी प्रतिक्रियाँ देते हुवे दिमाग़ का दिवालियापन ही दिखा रहे हैं ...
ReplyDeleteaisaa bolkar wahaan JOOTAA khaane se bach gayaa
ReplyDeleteगोदियाल साहब
ReplyDeleteजवाब नहीं आपका बहुत खूब
मन की भडास कहीं तो निकालना था ही ना :)
ReplyDeleteये अच्छी बात नहीं है।
ReplyDeleteसही कहा आपने गिरगिट की तरह रंग बदलता इन्सान !
ReplyDeleteदेख,कितना गिरा देती है
ReplyDeleteइंसान को, नीयत डोलकर,
बीसियों झूठ बोलने पड़ते है,
फिर एक झूठ बोलकर !
SATEEK DAMDAAR ABHIVYAKTI .
बड़े लोग झूठ ही बोलते हैं. सच क्या है उन्हें क्या पता ?
ReplyDeleteबाप रे- क्या काम्बिनेशन है........
ReplyDeleteबधाई हो!
ReplyDeleteटेटूये पर अंगूठा रख दिया आपने तो!
खुश और स्वस्थ रहें !
अशोक सलूजा !