Friday, November 7, 2014

लघु-व्यंग्य:- गई भैंस एयरपोर्ट में !

बड़े-बड़े दावे करने वाली मोदी सरकार की सुरक्षाखामियों की पोल आखिरकार खोली भी तो किसने,  भैंस ने।  यह सरकार खुद दिल्ली में बैठकर बड़े-बड़े वादे  कर  रही है, और यहां से करीब हजार-बारह सौ किलोमीटर दूर भैंसे अतिसंवेदनशील इलाकों में अतिक्रमण पर आमादा हैं। भैस के दुस्साहस से खिंसियाई सरकार जहां अपनी सफाई में यह तर्क दे रही है कि चूँकि भैंस का रंग काला होता है, इसलिए एयरपोर्ट पर तैनात सुरक्षाकर्मी रात के अँधेरे में घुसपैठ रोकने में नाकामयाब रहे होंगे।  वहीं विपक्ष को भी बैठे-बिठाए एक गंभीर मुद्दा मिल गया है है और वह सरकार पर यह  तंज कसने से  बाज नहीं आ रही है कि जो सरकार एक काली भैस को न ट्रेस कर सके वह भला काले बुर्केधारी इसीस अथवा अलकायदा को क्या ख़ाक ट्रेस कर पाएगी।   

उधर नाम न बताने की शर्त पर गुजरात सरकार के एक आलानेता ने आरोप लगाया है कि यह सारी घटना साजिशन हुई है।  भैस आजमखान साहिब की रही होगी और चूँकि आदित्यनाथ जी के आजमखान साहिब पर  हालिया बयान से वह खासा नाराज थी, अत:  लखनऊ से चुपके से प्रधानमन्त्री जी के  गृहराज्य पहुंचकर उसने इस साजिश को अमलीजामा पहनाया। स्थानीय मीडिया सर्कल में यह अपवाह भी गरम है कि भैंस लालूप्रसाद जी के मुंबई में हुए हालिया ऑपरेशन के बाद से उनके स्वास्थ्य के प्रति काफी चिंतित थी और उनसे  मिलने पटना जाने के लिए एयर पोर्ट  पहुंची होगी।                 

उधर एयरपोर्ट अथॉरिटीज़ में भी इस बात को लेकर एकराय नहीं है  कि आखिर कौन सा पशु प्लेन से टकराया, और यदि वह भैस ही थी  तो विमान से टकराने  के बाद गई कहाँ ? लेकिन सूत्रों का कहना है कि यह आवारा भैंस ही थी, जो कि भारी-भरकम थी। बोइंग एयरक्राफ्ट को इससे अच्छा-खासा नुकसान पहुंचा है और अभी पार्किंग एरिया में है। एयरपोर्ट के  डायरेक्ट डॉक्टर .ने बताया कि यात्री चमत्कारी ढंग से बच गए। इंजन ब्रेकडाउन या किसी तरह की और गड़बड़ी से  ऊपर वाले की कृपा से बच गया। कुछ हवाई विद्वानो का यह भी कहना है कि यह घटना इस बात की तरफ इशारा करती है कि हमारी विमान कंपनिया कितना घटिया प्रोडक्ट हमें मुहैया करा रही है जो इतना भारी भरकम विमान  तो क्षतिग्रस्त  हो गया, किन्तु  भैंस, बिना किसी नुकशान  के अँधेरे का फायदा उठाकर सुरक्षित भाग निकलने में कामयाब रही।  

जो भी हो किन्तु आतंकियों की धमकियों को देखते हुए स्थिति गंभीर है और सरकार को इसपर शीघ्र ही एक श्वेत-पत्र जारी करना चाहिए। 

7 comments:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
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    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (08-11-2014) को "आम की खेती बबूल से" (चर्चा मंच-1791) पर भी होगी।
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    चर्चा मंच के सभी पाठकों को
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. उम्दा व्यंग |पढ़ कर मजा आ गया |

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  3. वह बेचारी जान पर खेल, पोल खोल गई और लोग-बाग हैं कि .....

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  4. लोग भैंस की नहीं सोच रहे .....बेचारी बोर्डिंग पास लेकर केटल क्लास में चढने आई थी !! कहीं हर्जाना ना माँगने लगे, सो ये लोग चिल्ल पों मचा रहे हैं!

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  5. मस्त व्यंग है ...
    मुझे भी साजिश लगती है ये ... पर किसकी है ये मोदी साहब बताएँगे ...

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  6. भैंस के पास टिकट होगी...मगर उसे चढ़ने नहीं दिया होगा, इसलिए गुरिल्ले की तरह विमान को टक्कर मार कर वो गायब हो गई होगी।

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प्रश्न -चिन्ह ?

  पता नहीं , कब-कहां गुम हो  गया  जिंदगी का फ़लसफ़ा, न तो हम बावफ़ा ही बन पाए  और ना ही बेवफ़ा।