Thursday, September 24, 2015

फ़रियाद



रहन ग़मों से अतिभारित, 
काँटों से भरी आवागम दी, 
मन तुषार,आँखों में नमी ज्यादा,
सांसो में हवा कम दी,
    तक़ाज़ों का टिफिन लेकर,
सिर्फ़ इतनी सी ग़िला तुझसे ,    
कि ऐ ज़िन्दगी, तूने हमें, 
दर्द ज्यादा और दवा कम दी।

कहीं गले ही न पड़ जाए, इस डर से कभी किसी ने भेंटा ही नहीं,
अपने बाजूओं को फैलाकर तहेदिल से  किसी ने लपेटा ही नहीं, 
यहां सिर्फ कांच के टुकड़ों सी बिखरकर रह गई है तू ऐ जिंदगी ,
बदकिस्मत, हाथ कटने के डर से तुझे किसी ने समेटा ही नहीं।         

ईद है जी !


Thursday, September 17, 2015

शुद्धात्मा !

आज की भोर पर 
मज़हबी नजर आया 
तमाम जग सा, 
एक तो श्री गणेश चतुर्थी, 
उसपर विश्वकर्मा दिवस सा,
कुलबुलाहट सी जगी दिल में
 शुद्ध-निर्मल होने की,
धो डाला सब गंगाजल से,     
मोबाइल फोन को भी नहीं बख्शा।  

Happy Ganesh Chaturthi & V.Karma Day !   

   

Saturday, September 5, 2015

गुरु स्तुति ! (शिक्षक दिवस के अवसर पर)










अज्ञान के इन तूफानों में, हे गुरुदेव !
तुम दक्ष पाण्डित्य खेवनहार हो,
जहालत के भवसागर में तैरती,
ज्ञान और हुनर की पतवार हो।

स्वधर्म है सहभाजना बोध-विद्या,  
तुम प्रतीति  लहराती धार हो,
सदा शांतचित मुख भाव-भंगिमा,
हो सेज सिंधु भाटा या ज्वार हो।  

रहते खुले सबके लिए सुजान पट,  
तुम बुद्धि-विकास का आधार हो, 
बांटने का है न कोई हद-हासिया,
हो इसपर या सात सागर पार हो।  

पार पा जाती है नैया उसी की ,
पा गया जो तुम्हारा प्यार हो,  
अज्ञान के इन तूफानों में, हे गुरुदेव !
तुम दक्ष पाण्डित्य खेवनहार हो।  

अत: हे गुरुदेव , आप सदैव मेरे पूज्य रहोगे !
भी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाए !

मौन-सून!

ये सच है, तुम्हारी बेरुखी हमको, मानों कुछ यूं इस कदर भा गई, सावन-भादों, ज्यूं बरसात आई,  गरजी, बरसी और बदली छा गई। मैं तो कर रहा था कबसे तुम...