...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
न हम 'हम' मे रहे
न 'अहम' मे,
जिंदगी कट गई
इसी 'वहम' मे ।
तुझको नम न मिला और तू खिली नहीं, ऐ जिन्दगी ! मुझसे रूबरू होकर भी तू मिली नहीं।
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