Thursday, March 31, 2022

मिथ्या

सनक किस बात की, 

जुनून किस बात का?

पछतावे की गुंजाइश न हो, 

शुकून किस बात का?







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प्रलय जारी

चहुॅं ओर काली स्याह रात, मेघ गर्जना, झमाझम बरसात, जीने को मजबूर हैं इन्सान, पहाड़ों पर पहाड़ सी जिंदगी, फटते बादल, डरावना मंजर, कलयुग का यह ...