सनक किस बात की,
जुनून किस बात का?
पछतावे की गुंजाइश न हो,
शुकून किस बात का?
...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
तुझको नम न मिला और तू खिली नहीं, ऐ जिन्दगी ! मुझसे रूबरू होकर भी तू मिली नहीं।
No comments:
Post a Comment