Tuesday, March 29, 2022

जीवन चरणपादुका

 























5 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (30-03-2022) को चर्चा मंच       "कटुक वचन मत बोलना"   (चर्चा अंक-4385)     पर भी होगी!
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    सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार कर चर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
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    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'   

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  2. वाह! महाराज जी! सच जिंदगी चलने के नाम ही है, रुक गए तो फिर किसी के क्या अपने भी नहीं नहीं

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  3. अद्भुत ज्ञान जिंदगी भी घिसती सी चरण पादुका।
    श्र्लाघ्य प्रस्तुति।

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  4. सटीक। जब तक है चलते रहिए। न जाने कब घिस जाए।

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प्रश्न -चिन्ह ?

  पता नहीं , कब-कहां गुम हो  गया  जिंदगी का फ़लसफ़ा, न तो हम बावफ़ा ही बन पाए  और ना ही बेवफ़ा।