Monday, December 22, 2025

अरे, सुनो पथिक!


कोई  दयार-ए-दिल की रात मे,

चराग सा जला गया,

जो रहता था कभी वहां,

सुना है, अब वो शहर चला गया।

No comments:

Post a Comment

अरे, सुनो पथिक!

कोई  दयार-ए-दिल की रात मे, चराग सा जला गया, जो रहता था कभी वहां, सुना है, अब वो शहर चला गया।