थोडी सी बेरुखी से हमसे जो
उन्होंने पूछा था कि वफा क्या है,
हंसकर हमने भी कह दिया कि
मुक्तसर सी जिंदगी मे रखा क्या है!!
...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
हां, उलझन है क्योंकि बीच हमारे अनबन है, दरमियां फासले बड़े हैं, मिलने का भी मन है।
सही कहा अपना ...
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