हां, उलझन है क्योंकि
बीच हमारे अनबन है,
दरमियां फासले बड़े हैं,
मिलने का भी मन है।
...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
हां, उलझन है क्योंकि बीच हमारे अनबन है, दरमियां फासले बड़े हैं, मिलने का भी मन है।
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