Friday, December 12, 2025

व्यथा

 तुझको नम न मिला

और तू खिली नहीं,

ऐ जिन्दगी !

मुझसे रूबरू होकर भी

तू मिली नहीं।

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व्यथा

  तुझको नम न मिला और तू खिली नहीं, ऐ जिन्दगी ! मुझसे रूबरू होकर भी तू मिली नहीं।