खट्टे-मीठे, रसीले,
सख्त और पितपिते,
अफ़सोस कि
सबके सब गए बिक,
सबके सब गए बिक,
'मैंगो पीपुल ऑफ़
बनाना रिपब्लिक ' !!
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गुरू ने शिष्य से कहा;
सिद्ध करो देकर तर्क,
गरीब और अमीर
भिखमंगे के बीच का फर्क !
शिष्य ने कहा ;
मुझे अच्छी तरह है याद,
एक करबद्ध होकर
जन-मानष के दर
रोज पहुचता है
और एक पांच साल बाद !
गरीब भिखमंगा लाचार,
भीख मांगते हुए शर्मशार होता है,
जबकि अमीर भिखमंगा
बेशर्म, मक्कार और गद्दार होता है !!
सटीक प्रस्तुति ||
ReplyDeleteअमीर भिखमंगा
ReplyDeleteकुटिल,बेशर्म और गद्दार होता है !!
बहुत खूब .. सटीक
गुरु के शिष्य का प्रयास और वर्णन सराहनीय है |
ReplyDeleteबहुत सही कहा, ये बहुत बड़े वाले भिखारी हैं, भगवान बचाए अब तो इनसे....
ReplyDeletedono hee gazab kee chot karne wali....ekdum sateek
ReplyDeleteबहुत सुन्दर शब्द चित्र!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर बात कही है श्रीमान गोदियाल साहब..
ReplyDeleteनिशान और निशाना,दोनों ही हृदय पर लगते हैं...
ReplyDeleteपर हम किसी की लाचारी और किसी की कुटीलता नहीं समझ पाते ..
ReplyDeleteसटीक कटाक्ष ।
ReplyDeleteमजे की बात यह है की भीख मांगना दोनों की मज़बूरी है...........
ReplyDeleteसुंदर क्षणिकाएं..............
बहुत अच्छे... सटीक
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