Monday, October 29, 2012

क्षणिकाएं -मैंगो पीपुल ऑफ़ बनाना रिपब्लिक '


खट्टे-मीठे, रसीले, 
सख्त और पितपिते,
अफ़सोस  कि 
सबके सब गए  बिक,  

'मैंगो पीपुल ऑफ़  
बनाना रिपब्लिक '  !!

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गुरू ने शिष्य से कहा;
सिद्ध करो देकर तर्क,  
गरीब और अमीर 
भिखमंगे के बीच का फर्क !
शिष्य ने कहा ;
मुझे अच्छी तरह है याद, 
एक करबद्ध होकर 
जन-मानष  के दर 
रोज पहुचता है
और एक पांच साल बाद !  
गरीब भिखमंगा लाचार, 
भीख मांगते हुए शर्मशार होता है,
जबकि अमीर भिखमंगा
बेशर्म, मक्कार और गद्दार होता है !!   

12 comments:

  1. सटीक प्रस्तुति ||

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  2. अमीर भिखमंगा
    कुटिल,बेशर्म और गद्दार होता है !!

    बहुत खूब .. सटीक

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  3. गुरु के शिष्य का प्रयास और वर्णन सराहनीय है |

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  4. बहुत सही कहा, ये बहुत बड़े वाले भिखारी हैं, भगवान बचाए अब तो इनसे....

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  5. dono hee gazab kee chot karne wali....ekdum sateek

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  6. बहुत सुन्दर बात कही है श्रीमान गोदियाल साहब..

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  7. निशान और निशाना,दोनों ही हृदय पर लगते हैं...

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  8. पर हम किसी की लाचारी और किसी की कुटीलता नहीं समझ पाते ..

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  9. मजे की बात यह है की भीख मांगना दोनों की मज़बूरी है...........
    सुंदर क्षणिकाएं..............

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  10. बहुत अच्छे... सटीक

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मौन-सून!

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