...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
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प्रलय जारी
चहुॅं ओर काली स्याह रात, मेघ गर्जना, झमाझम बरसात, जीने को मजबूर हैं इन्सान, पहाड़ों पर पहाड़ सी जिंदगी, फटते बादल, डरावना मंजर, कलयुग का यह ...

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नोट: फिलहाल टिप्पणी सुविधा मौजूद है! मुझे किसी धर्म विशेष पर उंगली उठाने का शौक तो नहीं था, मगर क्या करे, इन्होने उकसा दिया और मजबूर कर द...
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स्कूटर और उनकी पत्नी स्कूटी शहर के उत्तरी हिस्से में सरकारी आवास संस्था द्वारा निम्न आय वर्ग के लोगो के लिए ख़ासतौर पर निर्म...
सन्नाट..
ReplyDeleteVery soon the time will show them, their real place. Let them live in their pseudo paradise.
ReplyDeleteGreat Nice one
ReplyDeletehttp://rohitasghorela.blogspot.com/2012/10/blog-post_17.html
बढ़िया कटाक्ष :):)
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ReplyDeleteये लो , हमने भी यही कहा आम नहीं , ख़ास !होना है
ReplyDelete@प्रेम-सरोवर जी ,
ReplyDeleteआपसे इस बात के लिए माफी चाहूँगा कि मैं जब स्पैम में पड़े कुछ कॉमेंट उठा रहा था तो गलती से आपका कोमेंट मुझसे डिलीट हो गया !
बेबुनियाद की भी कभी-न-कभी बुनियाद अवश्य पड़ी होगी......बेहतर कटाक्ष....
ReplyDeleteआम आदमी ऐसे ही चूसा जायेगा.
ReplyDelete:)
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