Tuesday, October 13, 2020

नाम चीन-अनाम पाक।

दुआ है कि इसीतरह फूले-फले व्यवसाय तुम्हारा,

ऐ तमाम दौरा-ए-कोरोना, कफन बेचने वालों,

मगर, कुछ कतरा-ए-कफ़न अपने लिए भी सम्भाले रखना,

क्या पता, कब इसकी जरूरत, तुम्हें भी आन पडे।



2 comments:

गिला

जीवन रहन गमों से अभिभारित, कुदरत ने विघ्न भरी आवागम दी, मन तुषार, आंखों में नमी ज्यादा, किंतु बोझिल सांसों में हवा कम दी, तकाजों का टिफिन पक...