नेपथ्य आपका कुठौर,अलहडपन हमारा ठौर था,
आज जो येह जमाना है, कल समय कुछ और था,
इतराओ बुलंदियों पे अपनी, मगर ये भी मत भूलो !
अभी वक्त है आपका तो कभी हमारा भी दौर था।
...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
पहाड़ी प्रदेश , प्राइमरी स्कूल था दिगोली, चौंरा। गांव से करीब दो किलोमीटर दूर। अपने गांव से पहाड़ी पगडंडी पर पैदल चलते हुए जब तीसरी कक्षा क...
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 13.10.22 को चर्चा मंच पर चर्चा - 4580 में दी जाएगी
ReplyDeleteधन्यवाद
दिलबाग
वाह्य, क्या बात है।
ReplyDeleteअप्रतिम।