समझ पाओ तो
यूं समझिए कि
तुम्हारा आई कार्ड,
निष्कृयता नाजुक,
और निष्पादन हार्ड।
( यह चार लाइनें पितृपक्ष के दरमियां लिखी थी पोस्ट करना भूल गया,,,,,बस यही तो है कलयुगी बेटों का कमाल)
...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
इस मोड़ पर न जाने क्यों, ऐ जिन्दगी, तेरे-मेरे बीच कुछ ऐंसी ठन गई, जो भी थी अच्छाइयां मेरी, सबके सब मेरी बुराइयां बन गई, दगा किस्मत ने दिया...
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