Saturday, October 12, 2019

ढकोसले का दोग्लापन।

ये ढकोसला हैः
मगर ये नहीं:
                        इस उपरोक्त चित्र मे 2013 अगस्त मे जब                          आईएनऐक्स विक्रांत को समुद्र मे उतारा                            जा रहा था तो कौंग्रेस के रक्षामन्त्री श्री                                ऐन्टोनी की पत्नी विक्रांत की पूजा करती                            हुई।

गजब का दोग्लापन है, साहेब।

10 comments:

  1. राजनीति है सर्।
    ये कुछ भी करवाती है।
    नई पोस्ट पर स्वागत है आपका 👉🏼 ख़ुदा से आगे 

    ReplyDelete
  2. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (15-10-2019) को     "सूखे कलम-दवात"  (चर्चा अंक- 3489)   पर भी होगी। --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    -- 
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    ReplyDelete

  3. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना 16 अक्टूबर 2019 के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद

    ReplyDelete
  4. दोगलेपन को राजनीति की एक अर्हता समझने में कोई भूल नहीं है
    बहुत खूब

    ReplyDelete
  5. शानदार प्रहार करता सार्थक लेख।

    ReplyDelete
  6. बहुत अच्छा लेख है Movie4me you share a useful information.

    ReplyDelete
  7. very useful information.gsss mohal very very nice article

    ReplyDelete
  8. very useful information.movie4me very very nice article

    ReplyDelete

प्रश्न -चिन्ह ?

  पता नहीं , कब-कहां गुम हो  गया  जिंदगी का फ़लसफ़ा, न तो हम बावफ़ा ही बन पाए  और ना ही बेवफ़ा।