...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
उपजीवी !
मिली तीन-तीन गुलामियां तुमको प्रतिफल मे, और कितना भला, भले मानुष ! तलवे चाटोगे। नाचना न आता हो, न अजिरा पे उंगली उठाओ, अरे खुदगर्जों, जैसा ब...
-
नोट: फिलहाल टिप्पणी सुविधा मौजूद है! मुझे किसी धर्म विशेष पर उंगली उठाने का शौक तो नहीं था, मगर क्या करे, इन्होने उकसा दिया और मजबूर कर द...
-
पहाड़ी प्रदेश , प्राइमरी स्कूल था दिगोली, चौंरा। गांव से करीब दो किलोमीटर दूर। अपने गांव से पहाड़ी पगडंडी पर पैदल चलते हुए जब तीसरी कक्षा क...
-
स्कूटर और उनकी पत्नी स्कूटी शहर के उत्तरी हिस्से में सरकारी आवास संस्था द्वारा निम्न आय वर्ग के लोगो के लिए ख़ासतौर पर निर्म...
Bina Pite nahin manenge....sirf laaton ke bhut hain ye
ReplyDeleteसहमत, विकेश जी।
Delete