...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
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मौन-सून!
ये सच है, तुम्हारी बेरुखी हमको, मानों कुछ यूं इस कदर भा गई, सावन-भादों, ज्यूं बरसात आई, गरजी, बरसी और बदली छा गई। मैं तो कर रहा था कबसे तुम...
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नोट: फिलहाल टिप्पणी सुविधा मौजूद है! मुझे किसी धर्म विशेष पर उंगली उठाने का शौक तो नहीं था, मगर क्या करे, इन्होने उकसा दिया और मजबूर कर द...
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स्कूटर और उनकी पत्नी स्कूटी शहर के उत्तरी हिस्से में सरकारी आवास संस्था द्वारा निम्न आय वर्ग के लोगो के लिए ख़ासतौर पर निर्म...



राजनीति है सर्।
ReplyDeleteये कुछ भी करवाती है।
नई पोस्ट पर स्वागत है आपका 👉🏼 ख़ुदा से आगे
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (15-10-2019) को "सूखे कलम-दवात" (चर्चा अंक- 3489) पर भी होगी। --
ReplyDeleteचर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
ReplyDeleteजी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना 16 अक्टूबर 2019 के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद
दोगलेपन को राजनीति की एक अर्हता समझने में कोई भूल नहीं है
ReplyDeleteबहुत खूब
शानदार प्रहार करता सार्थक लेख।
ReplyDeleteबहुत खूब...
ReplyDeleteसही में
ReplyDeleteबहुत अच्छा लेख है Movie4me you share a useful information.
ReplyDeletevery useful information.gsss mohal very very nice article
ReplyDeletevery useful information.movie4me very very nice article
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