दिनभर लडते रहे,
बेअक्ल, मैं और मेरी तन्हाई,
बीच बचाव को,
नामुराद अक्ल भी तब आई
जब स़ांंझ ढले,
घरवाली की झाड खाई।
बेअक्ल, मैं और मेरी तन्हाई,
बीच बचाव को,
नामुराद अक्ल भी तब आई
जब स़ांंझ ढले,
घरवाली की झाड खाई।
...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
ये सच है, तुम्हारी बेरुखी हमको, मानों कुछ यूं इस कदर भा गई, सावन-भादों, ज्यूं बरसात आई, गरजी, बरसी और बदली छा गई। मैं तो कर रहा था कबसे तुम...
ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 30/04/2019 की बुलेटिन, " राष्ट्रीय बीमारी का राष्ट्रीय उपचार - ब्लॉग बुलेटिन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteवाह ! बहुत ख़ूब आदरणीय
ReplyDeleteठीक कहा आपने .....
ReplyDeleteयही होता है
ReplyDeleteवाह
क्या बात जी ...
ReplyDeleteसच क्यों लिख दिया आपने ...
अति सुंदर लेख
ReplyDeleteFed से दरें घटने की उम्मीद में बाजार ने आज अपने कारोबार की शुरूआत हरे निशान पर की है. सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही तेजी के साथ कारोबार करते दिखाई दे रहे हैं.Fed से दरें घटने की उम्मीद के कारण ही एशियाई बाजारों में भी तेजी के साथ कारोबार होता देखा जा रहा है. https://hs.news/sensex-and-nifty-gains-on-19-july/
ReplyDeleteNice blog.
ReplyDeleteWhatsapp Web : WhatsApp on your Computer