साल २०११ चंद हफ्तों बाद हमारी देहरी पर होगा अत: आप सभी से यह अनुरोध करूंगा कि देश के वर्तमान हालात के अनुरूप इस रिमिक्स को खूब गुनगुनाये नए साल पर;
करलो जितनी जांचे,
आयोग जितने बिठाले,
नए साल में फिर से करेंगे,
मिलकर नए घोटाले !
हम भारत वाले, हम भारत वाले !!
आज पुराने हथकंडों को छोड़ चुके है,
क्या देखे उस लॉकर को जो तोड़ चुके है,
हर कोई है जब लूट रहा देश-खजाना,
बड़े ठगों से हम भी नाता जोड़ चुके हैं,
सुथरे घर, उजली पोशाके, कारनामे काले !
हम भारत वाले, हम भारत वाले !!
अभी लूटने है हमको तो कई और खजाने,
भ्रष्टाचार के दरिया है अभी और बहाने,
अभी तो हमको है समूचा देश लुटाना,
देश की दौलत से रोज नए खेल रचाने,
आओ मेहनतकश पर मोटा टैक्स लगाए,
नेक दिलों को भी खुद जैसा बेईमान बनाए,
पड़ जाए जो फिर सच,ईमानदारी के लाले !
हम भारत वाले, हम भारत वाले !!
करलो जितनी जांचे,
आयोग जितने बिठाले,
नए साल में फिर से करेंगे,
मिलकर नए घोटाले !
हम भारत वाले, हम भारत वाले !!
जय हिंद !
करलो जितनी जांचे,
आयोग जितने बिठाले,
नए साल में फिर से करेंगे,
मिलकर नए घोटाले !
हम भारत वाले, हम भारत वाले !!
आज पुराने हथकंडों को छोड़ चुके है,
क्या देखे उस लॉकर को जो तोड़ चुके है,
हर कोई है जब लूट रहा देश-खजाना,
बड़े ठगों से हम भी नाता जोड़ चुके हैं,
सुथरे घर, उजली पोशाके, कारनामे काले !
हम भारत वाले, हम भारत वाले !!
अभी लूटने है हमको तो कई और खजाने,
भ्रष्टाचार के दरिया है अभी और बहाने,
अभी तो हमको है समूचा देश लुटाना,
देश की दौलत से रोज नए खेल रचाने,
आओ मेहनतकश पर मोटा टैक्स लगाए,
नेक दिलों को भी खुद जैसा बेईमान बनाए,
पड़ जाए जो फिर सच,ईमानदारी के लाले !
हम भारत वाले, हम भारत वाले !!
करलो जितनी जांचे,
आयोग जितने बिठाले,
नए साल में फिर से करेंगे,
मिलकर नए घोटाले !
हम भारत वाले, हम भारत वाले !!
जय हिंद !
बहुत ही शानदार...
ReplyDeleteइसे... क्यूँ न कम्पोज़ करा कर लौंच किया जाए....?
बहुत सुन्दर
ReplyDelete@ मह्फूज
लाँच तो हो ही गया
बहुत बढ़िया रि-मिक्स ...
ReplyDeleteबेजोड पेरोडी, वाह...
ReplyDeleteबहुत मजा आया गाकर पढ़ने में..
ReplyDeleteबहुत बढ़िया रिमिक्स है!
ReplyDeleteमगर हम लोग बहुत मोटी चमड़ी वाले हैं!
छोटी-मोटी सूई तो असर ही नहीं करेंगी!
आप सभी का आभार ! मह्फ़ूज जी, आप अथवा अन्य कोइ भी पाठक अगर वाकई इसे हास्य-परिहास के लिये कम्पोज कर लौंच करना चाहिये तो बेरोक-टोक इसका स्वागत करुंगा !
ReplyDeleteबहुत सुंदर ..
ReplyDeleteगोदियाल जी इसे तो गाकर लगाना चाहिये था……………वैसे आज के हालात पर करारा प्रहार है…………आज तो ये गाना हर जगह बजना चाहिये ताकि ऐसे लोगो पर कुछ असर हो जाये और शर्म से चुल्लू भर पानी मे डूब मरें।
ReplyDeleteहम तो नहीं सुधरेंगे।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया
ReplyDeleteबहुत बढ़िया
बहुत बहुत .........बढ़िया
इसे गा कर ईमान दार मनमोहन जी कॊ सुनाना चाहिये, बहुत सुंदर, वेसे भारत जल्द ही मेडल लेने वाला हे इस घटोलो ओर बेईमानी मे, तब हम होंगे दुनिया के ना० वन घटोले बाज.
ReplyDeleteधन्यवाद
बहुत सुंदर ,सच्ची और सटीक पैरोडी ।
ReplyDeleteहा हा हा ! गोदियाल जी बढ़िया दिलचस्प पैरोडी है ।
ReplyDeleteहालाँकि ऐसा ही होने वाला है , ये हम सब जानते हैं ।
फिर भी दिल में एक नई आस रखने में क्या बुराई है ।
करलो जितनी जांचे,
ReplyDeleteआयोग जितने बिठाले,
नए साल में फिर से करेंगे,
मिलकर नए घोटाले !
हम भारत वाले, हम भारत वाले !!
हम तो सोच रहे हैं अभी इस साल में भी २० दिन बाकी हैं, नये साल के पहले एक दो घोटाले तो इस साल में भी किये जा सकते हैं, नये में तो करना ही है.
रामराम.
सुन्दर रीमिक्स मनाया है
ReplyDelete"साथी हाथ बढ़ाना "नया दौर की तर्ज़ पर आज की व्यवस्था पर आपका सटीक और करार व्यंग्य ह्रदय स्पर्शी है.काश लोग इसे पढ़ कर सुधर जाएँ .
ReplyDelete‘इमानदारी के लाले !
ReplyDeleteहम भारत वाले, ...
जो जी में आये करले :)
जय हो महाराज !
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ReplyDeleteबेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाई !
आशा है कि अपने सार्थक लेखन से,आप इसी तरह, ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।
आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है - देखें - 'मूर्ख' को भारत सरकार सम्मानित करेगी - ब्लॉग 4 वार्ता - शिवम् मिश्रा
करारा तमाचा मारा है आपने . लेकिन हम नहीं सुधरेंगे .
ReplyDeleteकरलो जितनी जांचे,
ReplyDeleteआयोग जितने बिठाले,
नए साल में फिर से करेंगे,
मिलकर नए घोटाले !
हम भारत वाले, हम भारत वाले !!
जय हिंद !
...nit naye ghootale, bhrastachar mein dubi hamari vyawastha ke khilaf ek aam bhartiya ke dil se upji aah....
करलो जितनी जांचे,
ReplyDeleteआयोग जितने बिठाले,
नए साल में फिर से करेंगे,
मिलकर नए घोटाले !
हम भारत वाले, हम भारत वाले !!
जय हिंद !
...nit naye ghootale, bhrastachar mein dubi hamari vyawastha ke khilaf ek aam bhartiya ke dil se upji aah....
आप ते अपने मिजाज के लगते हैं। अच्छा लगा पढ़कर। एक आम बनारसी कहेगा...
ReplyDeleteकाहे हौवा हक्का बक्का
छाना राजा भांग मुनक्का
भ्रस्टाचार में देश धंसल हौ
देखा तेंदुकर कs छक्का।
चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी रचना कल मंगलवार 14 -12 -2010
ReplyDeleteको ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..
http://charchamanch.uchcharan.com/
बहुत ही शानदार, रि-मिक्स ..
ReplyDeleteइस गीत को इस लय में गाया मैंने ... और सच में बहुत मज़ा आया गौदियाल जी ... गज़ब लिखा है ...
ReplyDeleteलाज़वाब...समाज के कलुष रूप का बहुत ही सुन्दर चित्रण...
ReplyDeleteअच्छा संकल्प है ... जय हो.... सुंदर प्रस्तुति .
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