...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
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वक्त की परछाइयां !
उस हवेली में भी कभी, वाशिंदों की दमक हुआ करती थी, हर शय मुसाफ़िर वहां,हर चीज की चमक हुआ करती थी, अतिथि,आगंतुक,अभ्यागत, हर जमवाडे का क्या कहन...

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नोट: फिलहाल टिप्पणी सुविधा मौजूद है! मुझे किसी धर्म विशेष पर उंगली उठाने का शौक तो नहीं था, मगर क्या करे, इन्होने उकसा दिया और मजबूर कर द...
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स्कूटर और उनकी पत्नी स्कूटी शहर के उत्तरी हिस्से में सरकारी आवास संस्था द्वारा निम्न आय वर्ग के लोगो के लिए ख़ासतौर पर निर्म...
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You have chosen sacred silence, no one will miss you, no one will hear your cries. No one will come to put roses on your grave wit...
ज़बरदस्त 'झटका' है ... आपका यह कार्टून जो आम आदमी को रोज़ 'हलाल' होता दिखा रहा है !
ReplyDeleteगोदियाल भाई ,मुबारक हो !
ReplyDeleteअंधड में भी सही !बहुत सही देख लिया आपने :-) ......
जनता तो हमेशा से ही हलाली का बकरा बनी हुई है और बनी रहेगी जब तक वह खुद इस निजाम को ध्वस्त नहीं कर देती है।
ReplyDeleteलाजवाब ज़बरदस्त
ReplyDeleteसंजय भास्कर
आदत....मुस्कुराने की
विदेश जाने की इच्छा छोड़ दे
नई पोस्ट पर आपका स्वागत है
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
सीधा खचैक ...। बहुत बढिया
ReplyDeleteMorphic resonance.... मैं भी ठीक इसी विषय पर र्काटून बनाने की सोच रहा था :) आपने मेरा काम कर दिया धन्यवाद
ReplyDeleteWAAH...
ReplyDeleteअपनी च्वॉयस तो झटका है, लेकिन हमें कौन पूछत है? :)
ReplyDeleteलजवाब सटीक झटका....
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल मंगलवार के चर्चा मंच पर भी की गई है! सूचनार्थ!
ReplyDeleteआम आदमी तो बलि का बकरा ही है ।
ReplyDeleteगोदियाल जी , कार्टून बहुत अच्छे बना लेते हैं आप ।
बधाई ।
आपका ये झटका तो सच में झटका दे गया ...
ReplyDeleteअब तो झटके और टांगे आम नहीं है :) आदमी तो आम की तरह निचोडा जा रहा है॥
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