Friday, November 25, 2011

कार्टून कुछ बोलता है - दूध का जला...

10 comments:

  1. इस कार्टून प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार के चर्चा मंच पर भी की जा रही है!
    यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।

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  2. हा-हा-हा-हा चंद्रमौलेश्वर जी , आपकी मंशा भी कुछ नेक लग रही है :)

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  3. दुःख हुआ कल टी वी पर देखकर । एक व्यक्ति को अर्थव्यवस्था के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता ।

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  4. डा० साहब, क्या कहना चाह रहे है आप ? कि सबको थप्पड़ मारो :)

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  5. गोदियाल जी , गुनहगार तो भरे पड़े हैं । लेकिन क्या एक विक्षिप्त मनुष्य के थप्पड़ से कुछ हासिल होने वाला है ?

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  6. बहुत खूब सूरत है जिसने भी छठा मारा किसी ब्याक्तिगत शत्रुता के नाते नहीं मारा यह सब देश हित में है.

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  7. आपकी पोस्ट आज की ब्लोगर्स मीट वीकली के मंच पर प्रस्तुत की गई है /आप आइये और अपने अनमोल संदेशों के द्वारा हमारा उत्साह बढाइये/आप हिंदी की सेवा इसी तरह अपने मेहनत और लगन से लिखी गई रचनाओं द्वारा करते रहें यही कामना है /आभार /लिंक नीचे दिया गया है /
    http://hbfint.blogspot.com/2011/11/19-happy-islamic-new-year.html

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संशय!

इतना तो न बहक पप्पू ,  बहरे ख़फ़ीफ़ की बहर बनकर, ४ जून कहीं बरपा न दें तुझपे,  नादानियां तेरी, कहर  बनकर।